वास्तु के ये 11 टिप्स अपनाएं, घर में खुशहाली लाएं

Wednesday, Nov 25, 2020 - 11:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हममें से हर व्यक्ति का यह सपना होता है उसके पास एक शानदार घर हो, घर में सुख समृद्धि हो, पॉजिटिव वाइब्रेशन हो। कहने का अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति की यही चाहत होती है कि  घर के भीतर घुसते ही सकारात्मक ऊर्जा का हमारे भीतर संचार हो। तनाव नाम की कोई चीज घर में न हो। हर व्यक्ति यह सपना देखता है। जब भी कोई व्यक्ति घर बनवाता है, पूरे चाव के साथ इसका निर्माण करवाता हैं। परंतु कई बार घर में तमाम सुख-सुविधाओं को जुटाने के बावजूद भी सुकून की नींद नहीं आती और हर समय तनाव बना रहता है। जिसका एक कारण घर बनाते समय वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन न करना हो सकता है या फिर जाने-अनजाने  मेंघर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाना। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में किसी प्रकार का कोई वास्तु दोष है तो घर के प्रत्येक सदस्य पर उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर हर सदस्य की सेहत और करियर भी कहीं न कहीं वास्तु पर ही निर्भर करता है। आज हम एस्ट्रोलॉजर गुरमीत बेदी द्वारा बताए गए 11 ऐसे टिप्स के बारे में बताने वाले हैं, जिनका पालन करने से आपके जीवन से निराशा पूर्ण रूप से दूर हो सकती है। 

सबसे पहला टिप्स और वास्तु शास्त्र का सबसे पहला नियम तो यही है कि हमें घर का निर्माण करने से पहले भूमि पूजा अवश्य करवानी चाहिए. इसके बाद किस चीज का कहां पर निर्माण हो और किन चीजों से शुभ फल की प्राप्ति हो, उस पर कार्य किया जाना चाहिए।

दूसरी बात यह भी ध्यान में रखनी चाहिए  कि हमें भूल कर भी घर बनवाते समय पुरानी लकड़ी, ईंटों या शीशा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है जिसका घर के हर सदस्य के मना स्थिति पर  असर पड़ता है । इस तरह के कबाड़ कभी भी अपने घर के किसी कोने में भी नहीं रखना चाहिए। 

तीसरा टिप्स यही है कि हमें अपना घर कभी भी तिराहे या चौराहे पर, वीरान जगह पर मसलन शहर या गांव से बाहर और शोर-शराबे वाली जगह पर नहीं बनाना चाहिए।  गली या सड़क जहां खत्म होती है, उसके अंतिम प्लॉट पर मकान नहीं बनाना चाहिए।

घर का मुख्य द्वार ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम दिशा में से किसी एक में रखना शुभ होता है। मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए और यदि संभव हो तो सीढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाना चाहिए।

घर में बनवाई जाने वाली सीढ़ियों के लिए दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा शुभ होती है। सीढ़ियों को हमेशा क्लॉकवाइज बनवाना चाहिए। घर के बीच का यानि ब्रह्म स्थान हमेशा खाली रखें।

घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जा न प्रवेश कर सके, इसके लिए घर के द्वार पर अशोक की पत्तियों से बनी वंदनवार लगाएं। ऐसा करने से घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है ।

घर के प्रत्येक कोने में देवी-देवताओं के चित्र या मूर्ति रखने के बजाय ईशान, उत्तर या पूर्व दिशा में पूजा स्थल बनाकर पूजा करें। 

घर की छत, बालकनी या सीढ़ी के नीचे कभी भी कबाड़ भर कर नहीं रखना चाहिए।

घर में गाड़ी रखने के लिए दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे शुभ होती है. इसी दिशा में ओवरहेड टैंक बनवाएं। 

अगर लाइफ में नेगेट‍िव‍िटी लगातार बढ़ रही हो तो घर के मुख्य द्वार पर सूरजमुखी के फूल की तस्वीर जरूर लगाएं। इससे लाइफ में सुख समृद्धि का वास होता है और घर में पॉजिटिविटी बनी रहती है। इसके अलावा घर या बालकनी में कभी भी सूखे पेड़ या पौधे नहीं रखने चाहिए।  इससे घर में नेगेटिव एनर्जी आती है। हरे भरे पेड़ पौधों से घर को सजाना चाहिए । हरियाली से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।

अगर हम इन वास्तु नियमों का पालन करेंगे तो हम अपने घर के भीतर हमेशा एक पॉजिटिव एनर्जी महसूस करेंगे। घर में खुशहाली समृद्धि बनी रहेगी । घर के सदस्यों के बीच आपसी स्नेह बना रहेगा।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

 

Jyoti

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