त्यौहारों पर ही नहीं आम दिनों में भी इन चीज़ों से सजाएंगे घर तो जीवन में आएगा धन
Friday, Nov 20, 2020 - 01:29 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे ही कार्तिक मास में पड़ने वाले सनातन धर्म के प्रमुख पर्व व त्यौहार आदि प्रांरभ होते हैं तो लगभग हर कोई अपने घर आदि के सजाने आदि में लग जाता है। मगर क्या घर की साज-सजावट का महत्व केवल त्यौहारों के खास अवसर पर होता है? क्या घर के हमेशा सजा-संवारकर नहीं रखना चाहिए? अगर आपके दिमाग में भी इन प्रश्नों ने कभी दस्तक दी है, मगर आजतक इसका सवाल नहीं मिला। तो आपको बता दें आज हम आपको इसका जवाब देते हैं, जो असल में वास्तु शास्त्र में दिया गया है। जी हां, वास्तु शास्त्र में इस संदर्भ से संबंधित लगभग हर जानकारी दी है।
वास्तु विशेषज्ञों बताते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर को हर समय सजाकर रखना चाहिए, क्योंकि घर में की गई किसी भी तरह की सजावट हमेशा वहां रहने वालों को अच्छा ही प्रभाव देती है। खासतौर पर घर के मुख्य द्वार को हमेशा आकर्षित बनाकर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्रियों का कहना है कि इसस घर में सकारात्मकता का संचार तो होता ही है, साथ ही साथ इसे घर में सुख-समृद्धि व शांति भी आती है।
तो ये तो था आपके प्रश्न का उत्तर कि व्यक्ति को अपने घर को हमेशा सजाकर रखना चाहिए, खासतौर पर घर के मेन गेट को। अब आगे आपको बताते हैं कि घर के मुख्य द्वार को किन चीज़ों से सजाया जा सकता है।
वास्तु के अनुसार घर का दरवाजा ही हमारे जीवन में आने वाले सुख-समद्धि और शांति को निर्धारित करता है। जी हां, कहा जाता है कि यही वो रास्ता होता है कि जहां से व्यक्ति के जीवन में ये सारी चीज़ें आती हैं।
तो आइए अब आपको बताते हैं कि घर के मेन गेट को सजाने के लिए सबसे उपयोगी चीज़ों कौन सी मानी जाती हैं-
वास्तु में मुख्य द्वार की सजावट के लिए सबसे उपयोगी जो चीज़ मानी गई है वो है बंदनवार, जो आम, पीपल या अशोक के पत्तों से निर्मित होता है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार जिस किसी के घर के मेन गेट पर बंदनवार लगा होता है, उस घर में इसके पत्तों से आने वाली सुंगध वहां रहने वाले को सकारात्मकता से भर देती है।
इसके बाद मांडना को भी घर के मेन गेट की सजावट के लिए खास माना जाता है। बल्कि इसे 64 कलाओं तक में स्थान प्राप्त है, इसे अल्पना के नाम से भी जाना जाता है। बता दें इसकी पारंपरिक आकृतियों में ज्यॉमितीय एवं पुष्प आकृतियों के साथ ही त्रिभुज, चतुर्भुज, वृत्त, कमल, शंख, घंटी, स्वस्तिक, शतरंज पट का आधार, कई सीधी रेखाएं, तरंग की आकृति आदि मुख्य होती हैं। इसे घर में रखने से जहां एक तरफ़ घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है साथ ही साथ वहीं रहने वालों का मंगल होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार खुली हथेली की छाप को पंचसूलक के नाम से जाना जाता है, जिस पांच तत्वों की प्रतीक भी कहा जाता है। जिसके हमेशा घर के मेन गेट के आसपास बनाया जाता है। बता दें इसके साथ ही सातिया भी बनाया जाता है, जो दरअसल स्वस्तिक ही होता है। कहा जाता है इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इससे घर परिपार के सदस्यों दुर्भाग्य से सौभाग्य में बदल जाता है।