हरियाणा में एक ऐसा है गांव जहां 24 साल से नहीं होता होलिका दहन

Thursday, Mar 17, 2022 - 01:54 PM (IST)

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जींद: हरियाणा में जींद जिले के करीब पांच हजार की आबादी वाले भिडताना गांव में पिछले 24 साल से होलिका दहन नहीं होता है और न ही हुड़दंगबाजी होती बल्कि इसकी जगह होली के दिन गांव में सामूहिक रूप से हवन किया जाता है। इस हवन में नये अन्न गेहूं और सरसों की आहुति दी जाती है। होली के अवसर पर सरसों की फसल पक चुकी होती है और गेहूं की फसल में भी बालियों में दाना बन चुका होता है, जो पकने वाली स्टेज पर होता है। 

एक तरह से होली के दिन हवन में फसलों की आहुति देकर नया अन्न घर आने की खुशी भी मनाई जाती है। इस कार्यक्रम में विधायक, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त सहित बड़े अधिकारियों को बुलाया जाता है। इस बार भी ग्रामीणों ने उपायुक्त डॉ मनोज कुमार और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजरानिया को कार्यक्रम में आमंत्रित किया हुआ है। ये परंपरा आचार्य आत्मप्रकाश ने शुरू कराई थी। 

गुरुकुल कालवा से जुड़े आचार्य आत्मप्रकाश अकसर गांव में आते थे। होली के दिन होने वाले हुड़दंग, महिलाओं पर कीचड़ डालने जैसे होने वाले अभद्र व्यवहार को देखते थे, जो उन्हें सही नहीं लगता था। आचार्य ने ग्रामीणों को बताया कि होली को वैदिक धर्म नीति से मनाना चाहिए। पटाखे फोड़ना, कीचड़ और रंग डालना सही नहीं है। लोगों ने इसे स्वीकार किया और होली के दिन गांव में चौक-चौराहों पर सामूहिक रूप से हवन होने लगा। साथ ही भजन-कीर्तन होते हैं। गुरुकुल कालवा से गांव के लोग प्रेरित हैं और वहीं से प्रेरणा लेकर होली के दिन हवन होता है। 

एक-दूसरे कीचड़ नहीं डाला जाता और न ही किसी तरह का हुड़दंग होता है। गांव के निवर्तमान सरपंच राममेहर ने बताया कि गांव में सभी लोग मिल-जुलकर वैदिक धर्म के अनुसार होली मनाते हैं। होली के अवसर पर दो दिन गांव में हवन कराया जाता है। इस बार गांव में कबड्डी प्रतियोगिता कराई जा रही है। यह प्रतियोगिता गांव की व्यायामशाला में होगी। इसमें प्रथम इनाम 11 हजार और द्वितीय इनाम 7100 रुपये रखा गया है। इसके अलावा भी कई अन्य इनाम दिए जाएंगे। 

 

Jyoti

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