बांके बिहारी मंदिर में होली का शुभ आरंभ, आप भी करें दर्शन

Wednesday, Mar 16, 2022 - 01:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Holi celebration at Bankey Bihari temple in Vrindavan: 14 मार्च सोमवार रंगभरणी एकादशी के दिन से बांके बिहारी जी के मंदिर में होली का महोत्सव आरंभ हो चुका है। जो 4 दिन तक बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। श्री वृंदावन धाम के श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी राजू गोस्वामी ने पंजाब केसरी के संवाददाता विक्की शर्मा जी को बताया एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक ठाकुर श्री बांके बिहारी जी भक्तों के साथ सुबह-शाम होली खेलेंगे। बिहारी जी अपने गर्भगृह से पूरी तरह तैयार होकर जगमोहन में बाहर आते हैं और भक्तों के रंग में रंग जाते हैं। वे चार दिन तक सफेद रंग की पोशाक पहनते हैं, उनकी कमर पर गुलाल से भरा हुआ फेंटा बांधा जाता है। हाथों में पिचकारी दी जाती है, साथ में फूलों की छड़ी और केसर से बने हुए विभिन्न प्रकार के रंग दिए जाते हैं ताकि वो अपने प्रेमी भक्तो के साथ होली खेल सकें। 

बिहारी जी के तैयार होने पर पहले उन्हें पुजारी जी राधारानी के साथ होली खेलने के लिए भेजते हैं।

ठाकुर बांके बिहारी जी राधारानी पर रंग बरसा रहे हैं

फिर राधारानी ठाकुर बांके बिहारी जी पर रंग बरसा रही हैं। इस लीला का आनंद श्रीहरिदास जी ले रहे हैं।

ये केवल उनके भाव होते हैं की शगुन के तौर पर वे राधारानी संग होली का शुभ आरंभ करें।

फिर भक्तों के लिए दर्शन खोले जाते हैं।

भक्त होली के रंग में रंगे ठाकुर जी को देखकर खुद को कृतज्ञ मानते हैं। 

रोजमर्रा के दिनों में बिहारी जी को जो भोग लगाया जाता है,

उसके अतिरिक्त होली के विशेष दिनों में बिहारी जी को खट्टे-मीठे पकवानों का भोग लगाया जाता है जैसे गोल-गप्पे, चाट, आलू टिक्की, चिल्ला और दही भले।

मिष्ठान में खासतौर पर स्वादिष्ट, क्रिस्पी और क्रंची जलेबी अर्पित की जाती है।

बिहारी जी के स्वरुप को सुरक्षित बनाए रखने के लिए उनके सामने प्लास्टिक की शीट लगाई जाती है। जब सैकड़ों की संख्या में भक्तों का सैलाब अपने सांवरे के दर्शनों के लिए आता है तो वो उन्हें प्रेम में बावरे होकर होली के पैकेट, गुब्बारे आदि वस्तुएं अर्पित करते हैं। 

भक्तों में होड़ लगी रहती है की वो जहां तक संभव हो अपने प्यारे को उतना करीब होकर देखें।

Niyati Bhandari

Advertising