Hindu New Year Vikram Samvat 2077: देश-दुनिया पर होगा कुछ ऐसा प्रभाव
Wednesday, Mar 25, 2020 - 07:41 AM (IST)
आज श्री विक्रम संवत 2077 का आरंभ बुधवार से हो रहा है। संवत के राजा नवग्रहों के राजकुमार बुध ग्रह होंगे। मंत्री चंद्रमा, दुर्गेश (सेनापति) एवं मेघेश (वर्षा का स्वामी) सूर्य है, धान्येश (फसलों का स्वामी) मंगल, धनेश बुध है, संवत् का वास (समय का वास) वणिक (वैश्य) के घर में, संवत् का वाहन झूला या सियार (गीदड़) तथा रोहिणी का वास ‘संधि’ पर होगा। इस वर्ष तीन सोमवती अमावस्याएं 20 जुलाई/14 दिसम्बर/12 अप्रैल 2021 को, एक शनैश्चरी अमावस 13 मार्च 2021 को होगी। इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण (कंकण सूर्य ग्रहण 21 जून एवं खग्रास सूर्य ग्रहण 14 दिसम्बर) लगेंगे। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण ही भारत में दिखाई देगा।
अन्य एवं उपरोक्त ग्रहदशा अनुसार इस वर्ष सुख-सुविधाओं के साधनों का प्रसार बढ़े, देश में वर्षा अच्छी होने से सरसों, गेहूं, धान्य, चने, ज्वार, मक्की, रुई, कपास, वस्त्र, गन्ना, शक्कर, श्वेत वस्तुओं-फसलों आदि का उत्पादन बढ़ेगा, व्यापार में तेजी से विकास-विस्तार, व्यापारियों को कई लाभकारी योजनाएं-सुविधाएं मिलेंगी, कृषि क्षेत्र में भी नई प्रणालियों का विकास होगा, सोना, चांदी, पीले वस्त्र-पीली वस्तुएं, हल्दी, पीतल, तांबा, स्टील, लोहे की मांग बढऩे से मूल्य तेज होंगे, शेयर बाजार में गिरावट के बाद भारी उछाल आएगा।
25 मार्च से 4 मई, 18 जून से 15 अगस्त, 4 अक्तूबर से 24 दिसम्बर एवं फरवरी से 12 अप्रैल 2021 तक का समय कठिन परिस्थितियों वाला होगा, भूकंप-प्राकृतिक प्रकोप, भयंकर समस्याओं का सामना, युद्ध जैसे हालात, अराजकता-उपद्रव-हिंसक घटनाओं से हानि, विचित्र रोग से जन-धन आदि का भय, डर का माहौल रहेगा, कुछ प्रदेशों में भारी वर्षा से बाढ़, तेज आंधियों का जोर, आसमानी बिजली गिरने, कुदरती आपदा, बादल फटने से नुक्सान, कुछ प्रदेशों में वर्षा की भारी कमी भी रहेगी और सूखे आदि से जीवन प्रभावित होगा, खड़ी फसलों पर कुदरती मार पड़ेगी-नुक्सान होगा। सर्दी के मौसम में इस वर्ष भारी बर्फबारी-ओलावृष्टि, हिमस्खलन-बर्फ के तोदे गिरने से, भूस्खलन से जन-धन की हानि होगी।
29 मार्च को गुरु मकर राशि में आकर मंगल-शनि से युक्त होगा, कठिनाइयों का माहौल आहिस्ता-आहिस्ता कम होता जाएगा, बीमारी-कष्ट एवं कारोबारी तथा धन-आर्थिक क्षेत्र में तेजी से सुधार होगा, विचित्र रोगों पर काबू पाने में भारत बहुत तेजी से सफलता पाता जाएगा, 4 मई से आगे संकट भरे हालात रहने के बावजूद प्रगति-सुधार-विकास के कार्यों में तेजी आएगी, प्रजा का मनोबल बढ़ेगा। कुछ प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन तथा किसी प्रसिद्ध-विशिष्ट एवं प्रतिभाशाली व्यक्ति का निधन, विश्व के कई राष्ट्रों में आपसी मतभेद-अनाज धन की कमी से जूझना पड़ेगा तथा शीत युद्ध की परिस्थितियां बनी रहेंगी। गुरु 29 जून को धनु राशि में वापस आएगा, सुख-समृद्धि एवं व्यापारिक-आर्थिक क्षेत्र में आशातीत उन्नति-दृढ़ता आने लगेगी।