Hindu Nav Varsh Chaitra Navratri: नव संवत्सर कालयुक्त का प्रारंभ, मंगल राजा और शनि होंगे मंत्री

Tuesday, Apr 09, 2024 - 07:06 AM (IST)

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Hindu Nav Varsh Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र इस बार 9 अप्रैल से मनाई जाएगी। इस दिन वैधृति, शुभ, लक्ष्मी नारायण योग, गजकेसरी योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि के साथ ही वेद्रती और शुभ योग भी रहेंगे। यह दिन पूरे वर्ष का एक साधारण दिन नहीं अपितु एक नव विक्रम संवत की भी शुरुआत होगी। नव संवत्सर कालयुक्त का प्रारंभ मंगलवार के दिन होने से मंगल इस संवत के राजा तथा मंत्री शनि होंगे।

ख्यात ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया कि इसी दिन न्याय शास्त्र के निर्माता महर्षि गौतम की भी जयंती के अलावा चेटीचंड और ज्योतिष दिवस भी रहेगा। नौ दिनों तक विशिष्ट योगों में माता रानी की आराधना होगी। इस साल चैत्र नवरात्र के 9 दिन बेहद अद्भुत योग का संयोग बन रहा है, जिससे भक्तों को माता रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा, देवी पूजन सफल होगा। एक श्लोक के अनुसार नवरात्र की शुरुआत जिस वार से होती है, उस वार के अनुसार देवी मां अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती लोक आती हैं। इस वर्ष अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर मां आ रही हैं। 17 अप्रैल को रामनवमी पर विदाई होगी।


Devotees' wishes will be fulfilled भक्तों की होगी मनोकामनाएं पूरी
ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया की प्रतिपदा रात्रि 8.31 मिनट तक रहेगी। इस दिन छः योग वैधृति, शुभ, लक्ष्मीनारायण, गजकेसरी, अमृतसिद्धि व सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। उच्च का सूर्य, शुक्र और स्वग्रही शनि अच्छे सत्ता, व्यापार और भूमि-भवन के शुभ संयोग बनाएंगे। देवी मां की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होंगी और देश-दुनिया की अशांति खत्म होगी, व्यापार बढ़ेगा और जनता को सुख मिलेगा।


Chaitra Navratri is auspicious for these works along with worshiping Goddess देवी पूजन संग इन कामों के लिए शुभ है चैत्र नवरात्र
इन दिनों में सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं होता बल्कि नई शुरुआत और खरीदारी के लिए भी ये दिन बहुत शुभ है। इस बार नवरात्र के शुरुआती पांच दिन यानी 9-13 अप्रैल खरमास रहेगा, जिसमें शुभ काम नहीं होते न ही शुभ चीजों की खरीदारी की जाती है लेकिन 14 अप्रैल से नवरात्रि के समापन तक ऐसे मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें प्रॉपर्टी, ज्वेलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी की जा सकती है।

New Year begins in Dhanu lagna नववर्ष की शुरुआत धनु लग्न में
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होकर 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। 9 अप्रैल को रेवती नक्षत्र प्रात: 7.31 बजे तक और इसके बाद अश्विनी नक्षत्र लगने वाला है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्ध योग भी बन रहे हैं, जिनमें घट स्थापना करके देवी की उपासना करने का अक्षय फल प्राप्त होगा। धनु लग्न में नव चन्द्र वर्ष की शुरुआत होकर अगले दिन गुड़ी पड़वा का उत्सव मनाया जाएगा।

Ghatasthapana Muhurat in Chaitra Navratri चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना मुहूर्त
9 अप्रैल को घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 10. 14 मिनट के मध्य रहेगा।

घट स्थापना के श्रेष्ठ मुहूर्त 12.14 से दोपहर 1.5 बजे तक रहेगा।
लाभ- प्रात: 10.54 से दोप 12.28 बजे तक रहेगा।

अमृत- दोपहर 12.28 से 2.02 बजे तक।
अभिजीत- दोपहर 12.03 से 12.53 बजे तक।

वृषभ लग्न मुहूर्त: प्रात: 8.09 से 10.07 बजे तक।
सिंह लग्न मुहूर्त: दोप 2.36 से सायं 4.48 बजे तक रहेगा।

Nine days of auspicious yoga नौ दिन के शुभ योग
9 अप्रैल को प्रतिपदा पर घट स्थापना के दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। इस दिन लक्ष्मी नारायण योग, गजकेसरी योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे।

10 अप्रैल को द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी का पूजन होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग और प्रीति योग भी रहेगा।

11 अप्रैल को तृतीय मां चंद्रघंटा का पूजन होगा। इस दिन रवि-प्रीति योग, आयुष्मान योग भी बन रहा है।

12 अप्रैल को चतुर्थी मां कूष्मांडा का पूजन होगा। इस दिन सौभाग्य एवं रवि योग रहेगा।

13 अप्रैल पंचमी के दिन मां स्कंदमाता का पूजन होगा। इस दिन शोभन व रवि योग रहेगा।

14 अप्रैल षष्ठी के दिन मां कात्यायनी का पूजन होगा। इस दिन सुकर्मा योग बन रहा है।

15 अप्रैल सप्तमी के दिन मां कालरात्रि का पूजन होगा। इस दिन सर्वार्थ व सुकर्मा योग रहेगा।

16 अप्रैल महाष्टमी महागौरी का पूजन होगा। इस दिन सर्वार्थ-रवि-धृति योग रहेगा।

17 अप्रैल महानवमी रवि योग में पूरे दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन करेंगे।

Niyati Bhandari

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