Kundli Tv- यहां जानें, पूर्व जन्म में क्या थे आप

Monday, Aug 06, 2018 - 02:45 PM (IST)

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हिंदू धर्म में जन्म कुंडली के आधार पर व्यक्ति के भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। मान्यताओं के अनुसार मनुष्य का केवल शरीर नष्ट होता है लेकिन आत्मा अमर ही रहती है। आत्मा एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश कर लेती है और जिसे पुनर्जन्म कहा जाता है। कई लोगों को यह जानने की उत्सुकता रहती है कि वह पुर्व जन्म में क्या थे। आज के समय में इस बात का उत्तर ग्रंथों की मदद से या कुंडली के आधार पर किया जा सकता है। आज आपको इसी के बारे में बताएंगे।

यदि कुंडली के ग्यारहवे भाव में सूर्य, पांचवे में गुरु तथा बारहवें में शुक्र में हो तो यह कहा जा सकता है कि व्यक्ति पूर्वजन्म में धर्मात्मा प्रवृत्ति का और लोगों की मदद करने वाला था।

चंद्रमा अगर लग्न में उच्च राशि का हो तो इंसान पूर्वजन्म में अक्लमंदी यानि अच्छा व्यापार करने वाला रहा होगा।   

कुंडली में चार या इससे ज्यादा ग्रह नीच राशि के हो तो इससे पता चलता है कि व्यक्ति ने आत्महत्या की होगी।

यदि जन्म कुंडली में सूर्य छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो या तुला राशि का हो तो व्यक्ति पूर्वजन्म में बेईमान जीवन व्यतीत करना वाला हो सकता है।

कुंडली में लग्न या सप्तम भाव में शुक्र हो तो व्यक्ति पूर्वजन्म में राजा होगा और हर तरह के सुख-सुविधा में रहा होगा। 

यदि जन्मकुंडली में कहीं भी उच्च का गुरु होकर लग्न को देख रहा हो तो बालक पूर्वजन्म में धर्मात्मा, सद्गुणी, साधु या तपस्वी रहा होगा।

लग्न, एकादश, सप्तम या चौथे भाव में शनि इस बात का सूचक है कि व्यक्ति पूर्वजन्म में शुद्र परिवार से संबंधित हो सकता है और हो सकता है कि उसने कई पाप भी किए होंगे।

अगर कोई जातक संन्यासी होगा तो उसकी कुंडली में गुरु शुभ ग्रहों से दृष्ट, पंचम या नवम भाव में ही शामिल होगा। 

सप्तम भाव, छठे भाव या दशम भाव में मंगल की उपस्थिति यह बताती है कि यह व्यक्ति पूर्वजन्म में क्रोधी स्वभाव का होगा तथा कई लोग इससे परेशान भी रहे हो होंगे।
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