यहां जानें कौन सी Situation में कैसा बर्ताव करना चाहिए ?

Tuesday, Mar 19, 2019 - 10:22 AM (IST)

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हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है रामायण और इसके साथ ही इसके हर एक कांड में बड़े ही अच्छे प्रसंग पढ़ने व सुनने को मिलते हैं जोकि मन को मोहित कर लेते है। रामायण के ही सुंदरकांड में ये बताया गया है कि खुद की शक्ति का प्रदर्शन कब, कैसे और कहां करना चाहिए। कहते हैं कि अपनी शक्ति पर कभी किसी को भी अंहकार नहीं करना चाहिए। वरना उसका अंत रावण की तरह की होता है। 

लेकिन सुंदरकांड में बताया है कि हनुमान जी ने अपनी माता सीता को दिखाई थी, किंतु उनका ऐसा करना जरूरी भी था क्योंकि देवी सीता को हनुमान जी पर विश्वास नहीं हो रहा था। लेकिन हनुमान जी ने कभी अपनी शक्ति पर अंहकार नहीं किया। तभी तो वे राम जी के परम स्नेही भक्त के रूप में जाने जाते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उस प्रसंग के बारे में जिसमें बताया गया है कि व्यक्ति को अपनी शक्ति कम, कैसे और कहां इस्तेमाल करनी चाहिए। 

रामायण में तुलसीदास जी ने लिखा है- 
सुनु माता साखामृग नहिं बल बुद्धि बिसाल।
प्रभु प्रताप तें गरुड़हि खाइ परम लघु ब्याल।। 

अर्थ- हे माता, वानरों में बहुत बल-बुद्धि नहीं होती, लेकिन प्रभु के प्रताप से बहुत छोटा सर्प भी गरुड़ को खा सकता है।

एक प्रसंग के मुताबिक जब हनुमान जी लंका पहुंचे तो उन्होंने माता को ढूंढना शुरू किया। अशोक वाटिका में जब हनुमान जी को माता का पता चल गया तो उन्होंने पूरी व्यथा माता को बता दी और ये भी कहा कि वानरों की सेना के साथ भगवान राम उनके लेने बहुत जल्द ही आएंगे। लेकिन देवी सीता को हनुमान की बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था। तो इस पर हनुमान ने कहा कि मैं आपको ले जाता किंतु मेरे प्रभु श्री राम की आज्ञा नहीं है, इसलिए मैं उनके विरुद्ध कोई काम नहीं करूंगा। 

तभी मां सीता ने कहा कि यहां के राक्षस बहुत ही बलवान है, तुम उनके आगे जीत नहीं पाओगे, तुम्हारी वानर सेना हार जाएगी। क्योंकि वानर तो शरीर से भी बुहत छोटे-छोटे होते हैं। माता के मुख से ऐसी बातें सुनकर हनुमान जी ने अपना शरीर पर्वत के समान विशाल कर लिया और हनुमान जी का ऐसा रूप देखकर सीता जी को विश्वास हो गया। लेकिन तुरंत ही हनुमान जी अपने रूप में वापिस आ गए, ताकि माता को ये न लगे कि वे अपनी बढ़ाई कर रहे हैं। इस प्रसंग में हनुमान जी ने अपनी ताकत तो दिखाई, लेकिन उसे परमात्मा से जोड़ दिया।  
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Lata

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