गंगा नदी पर बने लक्ष्मण झूला से जुड़ी ये रोचक बातें नहीं जानते होंगे आप!

Thursday, Jul 25, 2019 - 03:32 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
उत्तराखंड में ऐसी बहुत सी जगहें जिन्हें देखने से दूर-दूर से लोग आते हैं। ऐसा ही एक है उत्तराखंड के ऋषिकेश में गंगा नदी पर बना 89 साल पुराना पुल, जिसे लक्षमण झूले के नाम से जाना जाता है। बता दें बीते दिन सुरक्षा के मद्देनज़र इस बंद कर दिया गया है। आइए आपको बताते हैं इस पुल से जुड़ी कुछ खास बातें जिनके बारे में आज के समय में भी बहुत कम लोग जानते होंगे।

कब रखी गई पुल की नींव-
बताया जाता है इस पुल की नींव 1923 में बिटिश सरकार के कार्यकाल के दौरान रखी गई थी, लेकिन तेज़ बाढ़ के चलते साल 1924 में ही इसकी नींव ढह गई थी। जिसके बाद 1927 में दोबारा इसकी नींव रखी गई और ठीक 3 साल बाद 11 अप्रैल 1930 में यह पुल बनकर तैयार हो गया था।

खास रस्सी से बना पुल-
गंगा नदी का यह झूलता हुआ पुल 450 फीट लंबा पुल है। कहा जाता है शुरू में इसे जूट के रस्सों से बनाया गया था, लेकिन बाद में इसकी पकड़ को लोहे की तारों से मज़बूत किया गया था।

क्यों कहा जाता लक्ष्मण झूला-
पौराणिक कथाओं के अनुसार मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इसी स्थान पर जूट की रस्सियों के सहारे गंगा नदी को पार किया था। जिस कारण इस पुल का लक्ष्मण झूला नाम पड़ा था। बता दें पुल के पश्चिमी किनारे पर लक्ष्मण जी का एक प्राचीन मंदिर भी है।

सबसे पहले किसने बनवाया यह पुल-
बताया जाता है कि अंग्रजों से पहले स्वामी विशुदानंद की प्रेरणा से कलकत्ता के सेठ सूरजमल ने यहां 1889 में लोहे की तारों से एक मज़बूत पुल बनवाया था। यह पुल 1924 में बाढ़ में बह गया था, जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने यहां दोबारा पुल का निर्माण करवाया था।  

राम झूला
इसके अलावा ऋषिकेश में रामझूला नाम का एक और पुल है जिसकी लंबई 750 फी है। बताया जाता है कि इस पुल का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है, इस पुल का निर्माण 1983  में करवाया गया था।

Jyoti

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