Hariyali Teej : जानें, हरियाली तीज पर हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां क्यों पहने जाते हैं
punjabkesari.in Tuesday, Jul 22, 2025 - 02:00 PM (IST)

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Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज पर हरे रंग के कपड़े और हरी चूड़ियां पहनने की परंपरा केवल श्रृंगार का हिस्सा नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्य भी है। हरे रंग और चूड़ियों का महत्व हरियाली तीज पर प्रकृति और हरियाली का प्रतीक है। हरियाली तीज का सीधा संबंध सावन और वर्षा ऋतु से है। यह समय होता है धरती के नवजीवन का चारों ओर हरियाली, फूलों की बहार, पेड़-पौधों का उल्लास। हरा रंग प्रकृति, जीवन, उर्वरता और ताजगी का प्रतीक भी है। इसलिए महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनकर प्रकृति के इस उत्सव में सम्मिलित होती हैं।
सौभाग्य और प्रेम का संकेत है हरियाली तीज का पर्व। हरी चूड़ियां विवाहित स्त्रियों के अखंड सौभाग्य का प्रतीक होती हैं।
यह विश्वास है कि हरियाली तीज पर हरी चूड़ियां पहनने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और समर्पण बढ़ता है। पति की आयु लंबी होती है। गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
यही कारण है कि यह दिन सुहाग की प्रतीक वस्तुओं जैसे चूड़ियां, बिंदी, मेंहदी, सिंदूर आदि को विशेष रूप से महत्व दिया जाता है।
नवजीवन और प्रजनन के प्रतीक हरे रंग का संबंध प्रजनन शक्ति और जीवन की ऊर्जा से भी है। देवी पार्वती स्वयं शक्ति और सृजन की देवी हैं।
हरियाली तीज उनके उसी रूप की पूजा है, जिसमें वह शिव से पुनर्मिलन करती हैं। हरा रंग स्त्रियों की जननी शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक बन जाता है।
मान्यता अनुसार कहा जाता है कि "जो स्त्री हरियाली तीज पर हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां और मेंहदी लगाकर देवी गौरी की पूजा करती है, उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।"