Hariyali Amavasya 2023: अक्षय पुण्य की प्राप्ति के लिए घर में पंचवटी लगाते समय ध्यान रखें ये vastu tips

Monday, Jul 17, 2023 - 08:27 AM (IST)

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Hariyali Amavasya 2023: सनातन धर्म में लगभग हर तरह के पेड़-पौधों को देवी-देवताओं के समान पूजा जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन तो खास तौर पर पेड़-पौधे लगाने का विधान है। कहते हैं हरियाली अमावस्या के दिन घर में पंचवटी के पेड़ लगाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। पंचवटी का अर्थ है- पंच यानि पांच और वटी मलतब वृक्ष। ये पांच विशेष वृक्ष जिस जगह पर लगाएं जाते हैं, उसे पंचवटी कहा जाता है। ये वृक्ष हैं: पीपल, बेलपत्र, आंवला, बड़ और अशोक। अगर आप भी इसे लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो इससे जुड़े कुछ वास्तु नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं वास्तु नियम और महत्व।



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Religious Significance of Panchavati पंचवटी का धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में पंचवटी को लगाना बहुत ही शुभ होता है। स्कंद पुराण में भी इसका वर्णन किया गया है। इन पांचों में से बेलपत्र का पेड़ भगवान शिव से जुड़ा हुआ है तो वहीं पीपल, बरगद, आंवला का पेड़ श्री हरि से जुड़ा है। धार्मिक ग्रंथ रामायण के अनुसार भगवान श्री राम ने अपनी पत्नी माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ नासिक जिले में स्थित तीर्थ स्थान पंचवटी में कुछ समय बिताया था। पंचवटी की सेवा करने से अनंत पुण्य फल की प्राप्ति तो होती ही है और साथ में पौधों के जरिये औषधीय लाभ भी मिलता है।



Where and how to apply Panchavati कहां और कैसे लगाएं पंचवटी: वास्तु शास्त्रों के अनुसार पंचवटी में पीपल के पेड़ को पूर्व दिशा की ओर, आंवले को दक्षिण दिशा की ओर, बेल को उत्तर दिशा में और बरगद को आग्नेय कोण में लगाना शुभ होता है। इन सभी पर प्रतिदिन जल अर्पित करने के बाद पूजा करनी चाहिए।



Keep these things in mind while applying Panchavati पंचवटी लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान: पंचवटी लगाते समय ध्यान रखें की इन्हें हमेशा किसी नर्सरी से खरीद कर लगाएं। किसी दूसरी जगह से पौधे को उखाड़ कर या फिर चोरी करके लगाना शुभ नहीं होता। पौधे लगाने के बाद ध्यान रहे कि ये कभी सूखने न पाएं। इनकी पूजा करने से भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा का आशीर्वाद एक साथ मिलता है।

 

Niyati Bhandari

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