कांवड़ यात्रा:  हरिद्वार में मेले पर लगा प्रतिबंध, केवल जल भर पाएंगे श्रद्धालु

Friday, Jun 26, 2020 - 11:25 AM (IST)

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देश का कोई ऐसा कोना नहीं है जो कोरोना के चलते प्रभावित नहीं हुआ होगा। देश ही क्या पूरी दुनिया इसकी चपेट में आई हुई। इसी के चलते बहुत से ऐसे बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि इसके फैलते संक्रमण को रोका जाए। जहां एक तरफ़ तमाम यात्राओं पर अभी तक रोक लगाई गई है तो वहीं अब खबर आई है उत्तराखंड में होने वाला कावड़ यात्रा को लेकर, यहां के विकास मंत्री मदन कौशिक ने बीते दिन गुरुवार 25 जून को कहा कि कोरोना के चलते कावड़ यात्रा में सामूहिक रूप से लोगों की आवाजाही बंद रहेगी परंतु जो लोग अपने-अपने राज्यों से स्वीकृति लेकर आएंगे उन्हें यहां से जल भरकर ले जाने की अनुमति दी जाएगी।

बता दें वैश्विक महामारी घोषित कोविड 19  के मद्देनज़र तीर्थ नगरी हरिद्वार में जुलाई में होने वाली देश की सबसे बड़ी धार्मिक कावड़ यात्रा पर सरकार की तरफ़ से रोक लगा दी है। हालांकि जैसे हमने उपरोक्त बताया अपने-अपने राज्यों से स्वीकृति लेकर आएंगे उन्हें यहां से जल भरकर ले जाने की इजाजत होगी। साथ ही अनुमति लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को विधि विधान से यहां पर पूजा एवं जलाभिषेक करने की भी इजाजत होगी। परंतु किसी भी तरह के बड़े समूह के रूप में कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। विकास मंत्री द्वारा बताया गया कि सारी दुनिया फिलहाल कोरोना महामारी के संकट से अवगत हैं ऐसे में सभी राज्य सरकारों से बात करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। इसके आगे अब अन्य राज्य सरकारों पर निर्भर है वे किस रूप में यहां लोगों को जल भरने के लिए अनुमति देंगे।

हालांकि हरिद्वार के व्यापारियों एवं होटल एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने पुरी जगन्नाथ यात्रा की तरह प्रतिबंधों के साथ सीमित रूप से कावड़ यात्रा को शुरू करने की मांग की है। इनका कहना है कि जिस प्रकार जगन्नाथ यात्रा को उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद सीमित रूप में चलाने की इजाजत दी गई ठीक उसी तरह कावड़ यात्रा भी बड़े रूप में न चला कर बहुत ही सूक्ष्म रूप में चलाई जाए और छोटे-छोटे जत्था के रूप में कावड़ यात्रियों को प्रवेश करने की अनुमति दी जाए। व्यापारियों एवं होटल एसोसिएशन के सभी सदस्यों का कहना है कि कावड़ यात्रा से लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है इसलिए इस पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है। 

Jyoti

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