Happy Dhanteras 2021: पंच महोत्सव आरंभ, शुभ लाभ के लिए रखें इन बातों का ध्यान

Tuesday, Nov 02, 2021 - 10:47 AM (IST)

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Happy Dhanteras 2021: दिवाली के पंचपर्व यानि के 5 दिनों के पर्व का आगमन हो रहा है। इस दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है, जो कि इस बार 2 नवंबर 2021 मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। इसे भगवान धन्वंतरी जयंती के उपलक्ष में भी मनाया जाता है, भगवान धन्वन्तरी जिन्हें आयुर्वेद और चिकित्सा विज्ञान के जनक माना जाता है और इन्हें भगवान विष्णु का अंश भी माना जाता है। भगवान धन्वंतरी हमें अच्छी सेहत और आरोग्य प्रदान करते हैं और यह सच भी है कि एक स्वस्थ तन में एक स्वस्थ मन का निवास होता है या यूं कहें पहला सुख निरोगी काया।

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। भगवान कुबेर हमें अपने धन को सम्भालने की समझ देते हैं और यहीं पर धन्वंतरी भगवान हमें अच्छी सेहत देते हैं ताकि हम उस धन को इस्तेमाल कर सकें।

Dhanteras 2021 date puja time पूजा का मुहूर्त: धनतेरस के दिन प्रदोष काल शाम को 5:51 मिनट से शुरू होकर 8:27 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजा करने का शुभ समय प्रदोष काल के मध्य ही शाम को 6:37 मिनट  से 8:34 मिनट तक, स्थिर लग्न,  वृषभ लग्न में रहेगा।

Which things are good to buy on Dhanteras उपाय और सावधानियां: किसी भी पर्व उल्लास को मनाने का सबसे बड़ा उपाय यह है कि घर में साफ-सफाई का होना और घर के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम होना। प्रेम पूर्वक सभी सदस्य एक साथ मिलकर किसी भी त्योहार को मनाते हैं तो किसी भी उपाय कि आवश्यकता नहीं होती।

धनतेरस शब्द का अर्थ है धन का 13 गुना होना, तो पूजा करते समय 13 दीये जलाना शुभ होता है।

धनतेरस पर खरीदारी का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई कोई भी चीज साल भर शुभ फल देती रहती है।

धनतेरस के दिन झाड़ू को खरीद के लाना बहुत शुभ माना जाता है। झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है।

इस दिन गायें के किए भोजन निकालना चाहिए।

किसी को उधर देने से बचना चाहिए।

यदि हो सके तो घर में यथासंभव चांदी या अन्य किसी धातु का बर्तन खरीद कर लाना शुभ माना जाता है,  हालांकि लोहे को नजरअंदाज करें। ज्योतिषीय दृष्टि से अच्छे सोम्य ग्रहों के समान वस्तुएं लाना उत्तम रहता है।

यदि किसी बात को लेकर संदेह हो तो पीतल के बर्तन खरीद कर लाएं। पीतल धातु को बृहस्पति ग्रह की धातु कहा जाता है जो कि सौभाग्य, सन्तान, बुद्धि और ज्ञान के देवता माने जाते हैं।

आचार्य लोकेश धमीजा
वेबसाइट – www.gurukulastro.com

Niyati Bhandari

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