यहां स्वयं संकटमोचन करते हैं भक्तों की बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज, यह है मान्यता

Saturday, Mar 10, 2018 - 01:27 PM (IST)

पूरा देश हनुमान जी के मंदिरों से भरा पड़ा है। देश के हर कोने में इन्हें बड़े विधि-विधान के साथ पूजा जाता है। कोई इन्हें अंजनीसुत के नाम से पूजता है तो कोई महाबली। कहने का भाव यह है कि वायुपुत्र हनुमान अलग-अलग रूप में अपने भक्तों के संकटों का नाश करते हैं। एेसा ही एक मंदिर यूपी के इटावा जिले के भिंड दरौआ सरकार धाम में स्थित है। जहां संकटमोचन बजरंग बली को डाॅक्टर के रूप में पूजा जाता है। अपने इसी रूप में हनुमान जी अपने भक्तों के भयानक से भयानक रोगों को नाश करता है।


मान्यता
मंदिर की मान्यताओं की मानें तो अपने एक भक्त के इलाज के लिए खुद हनुमान जी डॉक्टर के रूप में यहां आए थे। जिस कारण इस मंदिर के साथ लाखों श्रद्धालुओं की आस्थाएं और भावनाएं जुड़ी हुई हैं। यहां प्रत्येक मंगलवार व शनिवार भारी संख्या में रोगी अपने इलाज के लिए आते हैं।


 

पौराणिक कथा
बताया जाता है कि बजरंग बली यहां अपने बीमार भक्त साधु का इलाज करने के लिए आए थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार साधु को काफी लंबे समय से कैंसर था, जो कई उपायों के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था। तब हनुमान जी यहां एक डॉक्टर की वेश-भूषा में आए थे और भक्त को दर्शन दिए थे। साधु के मुताबिक बजरंग बली जब डॉक्टर के रूप में आए थे तो उन्होंने अपनी गर्द में आला भी लिया हुआ था। लेकिन सबसे हैरत की बात तो यह है कि तमाम इलाज के बाद भी जब साधु का स्वास्थ्य नहीं सुधरा, बजरंग बली के इलाज के बाद साधु बिल्कुल ठीक हो गए।

मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालु कहते हैं कि डॉ. हनुमान के पास दुनिया की सभी जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज है। गौरतलब है कि आज से करीब 300 साल पहले बजरंग बली की यह चमत्कारी प्रतिमा एक नीम के पेड़ के नीचे से प्राप्त हुई थी। उस दिन से लेकर आज तक हनुमान जी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। बताया जाता है कि यूपी के इटावा ज़िले के भिंड के पास स्थित दरौआ सरकार धाम में यह मंदिर है, जहां हर मंगलवार भारी संख्या में रोगी आते हैं।

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