Hanuman jayanti: वीरता, भक्ति और विजय का पर्व है हनुमान जयंती
punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 09:08 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अतुलित बलधामं हेम शैलाभदेहम
दनुज वन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम
सकल गुननिधानम वानराणामधीशं
रघुपति प्रियभक्तं वातजातमं नमामि
वह जो अतुलनीय शक्ति का भंडार है, जिनकी देह स्वर्ण पर्वत जैसी है, जो आसुरिक शक्तियों के नाशक हैं, जो ज्ञानियों के भी ज्ञानी हैं और सर्वगुण सम्पन्न हैं, जो भगवान राम के अति प्रिय भक्त हैं, हे हनुमान हम आपको नमन करते हैं। भगवान हनुमान, ज्ञान के दाता हैं और जहां ज्ञान है वहां अविद्या नहीं रहती। सभी समस्याएं अज्ञानता से ही उत्पन्न होती हैं। अविद्या के कारण ही, एक मनुष्य, रिश्ते-नाते, रुपया-पैसा, स्वास्थ्य आदि से स्वयं को बांधे रखता है। यह सब तो थोड़े समय के लिए ही हैं और जब इनके छूटने की बारी आती है, तो बहुत कष्ट होता है। क्या इस दुनिया में कुछ भी ऐसा है जिसे आप सदा के लिए पकड़ कर रख सकें, यहां तक कि आपका शरीर भी अस्थायी है। यह सब जानते हुए भी हम अस्थायी का पीछा करते रहते हैं और परेशान होते हैं।
ज्ञान और जानकारी, दो विभिन्न स्तर हैं, दोनों में फर्क है। ज्ञान आपका अपना अनुभव है जिसे गुरु प्रदान करते हैं और जानकारी या सूचना मस्तिष्क के लिए है। ज्ञान आपके अहंकार को खत्म करता है जबकि अधिक से अधिक जानकारी की प्राप्ति अहंकार को बढाती है। यही अहंकार मनुष्य को वास्तविकता से दूर करता है तथा योग के मार्ग में एक बहुत बड़ी बाधा बनता है। यदि आप अपने आस-पास विद्वान जनों पर दृष्टि डालेंगे तो उन्हें अहंकार से भरा हुआ पाएंगे, वहीं दूसरी ओर भगवान शिव के’ रूद्र ‘अवतार श्री हनुमान ज्ञान के भंडार हैं जिनका पराक्रम, शक्ति और क्षमताएं अतुलनीय हैं, किन्तु फिर भी उन्होंने भगवान राम के चरणों में अपना स्थान बनाया। वह एक ज्ञानी थे इसलिए उन्होंने सृष्टि के संरक्षण के कार्य में विष्णु के अवतार ‘राम ‘ को अपना जीवन समर्पित किया।
हनुमान कोई मिथ्या शक्ति नहीं हैं। वह अभी भी पृथ्वी पर मौजूद हैं किन्तु एक अर्ध- सुप्त अवस्था में, क्योंकि उस शक्ति को जागृत करने वाला कोई नही है। गुरु द्वारा निर्धारित विशेष मन्त्रों और यज्ञ के माध्यम से उनकी शक्ति को जगाने के लिए और इच्छा पूर्ती के लिए हनुमान जयंती एक पवित्र और शक्तिशाली दिवस है।
अश्विनीजी गुरुजी