Hanuman Jayanti 2020: सुबह मौका चूक गए तो शाम 4 से 6 के बीच ऐसे कर लें ये काम
Wednesday, Apr 08, 2020 - 12:14 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
08 अप्रैल यानि आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि दिन बुधवरा को हनुमान जंयती का पर्व मनाया जा रहा है। परंतु इस बार की हनुमान जयंती के दिन भक्तजनों के लिए मंदिरों में जाकर इनके दर्शन करना पाना संभव नहीं है। क्योंकि इस समय पूरे देश बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना का कहर बरस रहा है। जिस कारण दुनिया के बहुत से देशों लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। भारत देश का नाम भी इसमें शामिल है। लॉकडाउन के चलते ही देश के तमाम मंदिर आदि के कपाट बंद है ताकि किसी भी स्थल पर लोगों का जमावड़ा न लगे और कोरोना जैसी महामारी को फैलने से रोका जाए। इसके चलते बगहुत से लोगों का ये मानना है कि वो घर बैठ कर संकटमोचर को प्रसन्न नहीं कर पाएंगे। परंतु आपको बता दें ऐसा बिल्कुल नहीं है, शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान केवल सच्ची श्रद्धा व प्रेम के भूखे हैं, पूजा मंदिर में की जाए या अपने घर के पूजा स्थल पर, सच्ची व शुद्ध होनी चाहिए। तो अगर आप चाहे तो बहुत सरलता से इनकी कृपा पाना चाहते हैं तो करें निम्न दिए उपाय-
बजंरगबली, पवनपुत्र, हनुमान, केसरीनंदर आदि जैसे नामों से श्री राम के परम भक्त को इनके भक्त बुलाते हैं। परंतु जिस नाम का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है वो संकटमोचन। कहा जाता है अजंनी पुत्र अपने भक्तों के समस्त प्रकार के संकटों को दूर कने के लिए आज भी धरती पर विचरण करते हैं और स्वयं उन्हें उनसे नुक्ति दिलाते हैं। जिस कारण इन्हें संकटमोचन कहा जाता है। क्योंकि ये भोलेनाथ के अंश माने जाते हैं तो ज़ाहिर सी बात है जिस प्रकार शिवजी अपने भक्तों के ज़रा से प्रयासों से उन पर प्रसन्न हो जाते हैं तो ये भी होते होंगे। आज हम आपको इनके ऐसे ही सरल उपाय बताने जा रहे हैं।
हनुमान जयंती के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच श्री हनुमान जी के नीचे दिए गए सिद्ध चमत्कारी मंत्र का 1100 बार इनके समक्ष सुगंधित धुप जलाकर जप करें। ध्यान रहे जब मंत्र पूरा हो जाए तो 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें।
मंत्र-
ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
हर प्रकार के भय से मुक्ति के लिए हनुमान जयंती के दिन सूर्योदय के समय पूर्व दिशा में मुख करके निम्न मंत्र का 700 बार का उच्चारँ करें।
मंत्र-
ॐ हं हनुमंते नम: ।।
घर के पूजा स्थल में रखी हनुमान जी की प्रतिमा या उनके चित्र के आगे बैठकर कुल 108 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
हनुमान जयंती के दिन सुबह 4 से 6 बजे के बीच, अगर सुबह संभव न हो पाए तो शाम को घर में ही हनुमान जी का ध्यान करते हुए उनके प्रतिमा या चित्र के समक्ष लाल ऊनी आसन पर बैठकर निम्न मंत्र का 551 बार जप करें तथा बाद में 7 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंत्र
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।
इसके अलावा वास्तु से जुड़ी इन बातों का ख्याल रखें-
इस दिन कौन सी तस्वीरें घर पर न लगाएं-
ऐसी तस्वीर या मूर्ति को कभी भी नहीं रखना चाहिए जिसमें हनुमान जी अपनी छाती चीर रहें हों। जिस चित्र में वो संजीवनी लिए हुए आकाश में उड़ रहें हों ऐसी तस्वीर भी घर में नहीं रखनी चाहिए।
इसके विपरीत कहा जाता घर में या पूजा घर में हमेशा हनुमान जी की वो प्रतिमा सा चित्र को रखना चाहिए जिसमें वो स्थिर अवस्था में हो।
जिस चित्र में पवनपुत्र राक्षसों का संहार कर रहे हों घर में हनुमान जी की ऐसी तस्वीर भी नहीं रखनी चाहिए।
साथ ही जिस तस्वीर बजरंगबली अपने कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण को बैठा कर लेजा रहे हों वो भी घर-दुकान में लगानी शुभ नहीं होती।
इसके अतिरिक्त हनुमान जी की वो तस्वीर भी घर में नहीं लगानी चाहिए जिसमें वो लंका दहन कर रहे हों। माना जाता है इसके अशुभ प्रभाव के चलते जीवन में सुख और समृद्धि की कमी आती है।