Hanuman Jayanti: इस देवी ने दिया था हनुमान जी को अमर होने का वरदान
Tuesday, Apr 07, 2020 - 08:54 AM (IST)
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Hanuman Jayanti: इस संसार में भगवान नाम से ही समस्त संसार शक्तिमय है। अपने बल के अहंकार में देवता, दैत्य, मनुष्य सदैव त्रुटिपूर्ण आचरण करते रहे हैं लेकिन भगवान के भक्तों ने भगवान के नाम का आश्रय लेकर सम्पूर्ण ब्रह्मांड की शक्तियों पर नियंत्रण प्राप्त किया है। भगवान के भक्तों में श्री हनुमान जी भक्त शिरोमणि हैं जिन पर प्रसन्न होकर स्वयं मां भगवती सीता जी ने उन्हें अष्ट-सिद्धियों और नवनिधियों का वरदान प्रदान किया है।
कलियुग में हनुमान जी उपासना से शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। यदि सच्चे मन से महाबली पवन पुत्र की आराधना की जाए तो वह अपने भक्त का हर मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। वह भक्ति और सेवा भाव का एक ऐसा मील पत्थर हैं कि जिनसे भक्त और सेवक प्रेरणा ले सकते हैं। सेवक होने के साथ-साथ हनुमान जी प्रभु श्री राम व माता जानकी के सुत भी कहलाए। यूं तो हम सभी ईश्वर की संतान हैं लेकिन न तो सेवक और न ही भक्त, जैसे कि हनुमान जी थे।
रामायण में रावण सीता का हरण करके लंका ले गया था। श्री राम और पूरी वानर सेना सीता की खोज में लगी हुई थी। तब हनुमान जी समुद्र पार करके लंका पहुंच गए और माता सीता को खोज लिया। अशोक वाटिका में हनुमान जी और सीता जी की भेंट हुई थी। उस समय हनुमान जी ने श्री राम का संदेश देकर माता सीता की सभी चिंताएं दूर की थीं। इससे प्रसन्न होकर सीता जी ने हनुमान जी को अमरत्व का वरदान दिया था।
श्री राम की दीर्घायु के लिए एक बार हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लिया। इसी कारण उन्हें सिन्दूर चढ़ाया जाता है। हनुमान जी की प्रतिमा पर लगा सिन्दूर अत्यंत ही पवित्र होता है। भक्तगण प्राय: इस सिन्दूर का तिलक अपने मस्तक पर लगाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तिलक के माध्यम से भक्त भी हनुमान जी की कृपा से उनकी ही तरह शक्तिशाली, ऊर्जावान तथा संयमित हो जाते हैं।