Hanuman Jayanti : इस साल कब मनाई जाएगी हनुमान जयंती, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Friday, Apr 19, 2024 - 06:53 AM (IST)

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Hanuman Jayanti 2024: हिन्दू धर्म में हर साल चैत्र माह के शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती बड़े ही उत्साह से मनाई जाती है। हनुमान जयंती साल में दो बार आती है। एक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और दूसरी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनायी जाती है। इस दिन हनुमान जी के भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। इस साल पहली हनुमान जयंती 23 अप्रैल, 2024 मंगलवार को मनाई जा रही है। माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है। तो आइए जानते हैं, हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।


Hanuman Jayanti 2024 auspicious time हनुमान जयंती 2024 शुभ मुहूर्त  
चांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03.25 मिनट पर होगी और इसका समापन 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05.18 मिनट पर होगा।
हनुमान पूजा का समय (सुबह) - सुबह 09.03 - दोपहर 01.58
पूजा का समय (रात) - रात 08.14 - रात 09.35


Importance of Hanuman Jayanti हनुमान जयंती का महत्व
चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था और इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में आने वाले हर संकट से मुक्ति मिलती है।
साथ ही सारे बिगड़े काम बनने लग जाते हैं और राम जी की उन पर विशेष कृपा बरसती है। इसके साथ ही इस दिन हनुमान चालीसा, हनुमान जी के मंत्र, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि पड़ने से वह जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं।

Hanuman Jayanti Puja Vidhi हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमान जयंती पर सुबह जल्दी उठकर भगवान श्रीराम, माता सीता व हनुमान जी का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा घर में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें और पूरे विधि-विधान से पूजा करें।
हनुमान जी को सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर चोला चढ़ाएं। साथ ही फूल और फूलों की माला भी अर्पित करें।
हनुमान जी को एक साबुत पान का पत्ता चढ़ाएं।
फिर हनुमान जी का प्रिय गुड़-चना और बूंदी के लड्‌डू का भोग लगाएं।
पूजा के बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर लें।
अंत में हनुमान जी की आरती करें और गुड़-चना प्रसाद सभी में बांट दें।  

Niyati Bhandari

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