Guru Vakri 2024: 120 दिन के लिए गुरु हुए वक्री, कर्क राशि वालों के लिए बनेंगे तरक्की के योग

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2024 - 11:43 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Guru Vakri 2024:  आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति की। देव गुरु बृहस्पति 9 अक्टूबर को वक्री हो जाएंगे और 4 फरवरी तक वक्री अवस्था में रहेंगे। यह एक सामान्य खगोलीय घटना है जो हर साल होती है 120 दिन के लिए। सूर्य यदि आपकी कुंडली में लगन में पड़े हैं तो यदि शनि पंचम में आ जाएंगे और डिग्री कली 120 डिग्री पार कर जाएंगे तो वो वक्री हो जाएंगे। ऐसा ही गुरु और मंगल के साथ भी होता है। शास्त्र कहता है कि वक्री प्लेनेट जो होता है उसका चेष्टा बल बढ़ जाता है।  चेष्टा बल बढ़ने का मतलब यह है कि ग्रह जो अपने अच्छे या बुरे परिणाम बहुत तेजी से करता है और इसी कारण इसका अचानक से असर नजर आता है। खासतौर पर शनि जो वक्री अवस्था में बहुत जो है वो कई बार मार्क रिजल्ट कर जाते हैं।

कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं और गुरु का वक्री होना यहां पर बहुत अच्छा है। गुरु इस भाव के कारक भी होते हैं गुरु कुंडली में चार भावों के कारक होते हैं। जहां पर गुरु विराजमान है वो धन स्थान है। पंचम भाव जो संतान का भाव होता है और भाग्य स्थान नौवां भाव होता है तो यहां पर गुरु 11थ हाउस में वक्री है। डेफिनेट इसके बहुत अच्छे रिजल्ट करेंगे। सबसे पहले ग्यारहवें की बात करेंगे वह आपकी आय का स्थान है। यहां पर गुरु बैठकर डेफिनेटली इस भाव के अच्छे फल करेंगे। जो कर्क राशि होती है यहां पर आकर गुरु उच्च के हो जाते हैं।  कर्क राशि में ही गुरु की कर्क राशि ही उच्च राशि है। कर्क राशि एक ऐसी राशि है जिसके लिए गुरु भाग्य स्थान के भी स्वामी हो जाते हैं।  गुरु की मीन राशि आपके नाइंथ हाउस में है तो यहां पर गुरु नाइंथ हाउस के भी अच्छे फल करेंगे

गुरु की दृष्टि ग्यारहवें भाव के ऊपर जा रही है और पांचवी दृष्टि जा रही है आपके तीसरे भाव के ऊपर। इसका मतलब यह है कि 11थ में बैठे गुरु आपके लिए थर्ड भाव के अच्छे रिजल्ट करेंगे, जो आपके भाई का भाव होता है। तीसरे भाव में गुरु की दृष्टि होने का मतलब यह है कि आपको इसके डेफिनेटली बहुत अच्छे रिजल्ट मिलने जा रहे हैं। आप कोई भी फैसला करेंगे पूरी डिटरमिनेशन के साथ करेंगे। यहां पर गुरु की सातवी दृष्टि आपके पंचम भाव के ऊपर जा रही है, यह पंचम भाव सुत भाव होता है इसे संतान भाव कहते हैं। यह बुद्धि-विवेक का भाव है। गुरु बुद्धि-विवेक के कारक होते हैं। कर्क राशि के जितने भी जातक हैं उनकी लाइफ में कोई न कोई आ सकता है। इस अवधि के दौरान कोई यदि घर वाले पार्टनर ढूंढ रहे हैं चाहे आप लड़का है या लड़की हैं तो कोई न कोई बात बनेगी। यदि आप मैरिड है और आप संतान की अपेक्षा कर रहे हैं तो डेफिनेटली यहां पर गुरु की दृष्टि संतान के लिहाज से भी काफी अच्छी है। गुरु इस भाव के कारक भी होते हैं। गुरु की दृष्टि के द्वारा पंचम का एक्टिवेट होना क्योंकि पंचम कुंडली का दूसरा सबसे शुभ स्थान होता है। इस भाव से संबंधित फलों को अच्छा करेगा। आगे गुरु की जो नाइंथ दृष्टि आपके सेवंथ हाउस के ऊपर जा रही है। यह  भाव होता शादी का भाव होता है। यदि आप सिंगल है पार्टनर ढूंढ रहे हैं तो पंचम से पार्टनर आ रहा है सप्तम से शादी भी आ रही है चार महीने के दौरान ऐसा होगा कि चट  मंगनी पट शादी हो जाएगी। इसके अलावा यदि आप बिजनेस के लिए पार्टनर ढूंढ रहे हैं तो वो भी आपको सप्तम से ही मिलेगा। सप्तम भाव आपका लाइफ और बिजनेस पार्टनर का भी भाव है। यहां पर सप्तम के अच्छे फल बिजनेस पार्टनर के लिहाज से भी मिलेंगे। कहीं पर घूमना चाहते हैं  तो यह चार महीने का समय आपके लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। डेफिनेटली कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु का 9 अक्टूबर से लेकर 4 फरवरी तक मार्गी वक्री होना आपको डेफिनेटली बहुत अच्छे रिजल्ट देके जाएगा। 

यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है तो ये उपाय जरूर करें- 

जरूरतमंदों को ज्ञान बांटे। 

ॐ बृं बृहस्पतये नम: का जाप करें। 

चने की दाल या फिर पीला वस्त्र गुरुवार के दिन दान करें। 

इसके अलावा आप पुखराज धारण कर सकते हैं लेकिन पुखराज धारण करने से पहले यह जरूर सुनिश्चित करिए कि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन छठे, आठवें, 12वें भाव में दूसरा भाव में हो। 

नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News