1 मई को देवगुरु बृहस्पति का सबसे बड़ा गोचर, मेष राशि वालों के आएंगे अच्छे दिन

Sunday, Apr 14, 2024 - 06:53 AM (IST)

 

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Guru transit 2024: आज देव गुरु बृहस्पति की बात करेंगे। 1 मई को देव गुरु बृहस्पति का गोचर होने जा रहा है। 1 मई को गुरु वृषभ राशि में गोचर करना शुरू कर देंगे और अगले साल 14 मई तक इसी राशि में रहेंगे। इस दौरान गुरु 120 दिन के लिए वक्री भी होंगे। यह लगभग 9 अक्टूबर को होगा और 4 फरवरी को गुरु मार्गी हो जाएंगे। 6 मई के आसपास गुरु अस्त हो जाएंगे। 2 या 3 जून के आसपास गुरु उदय हो जाएंगे लेकिन गुरु का गोचर इसी राशि में रहेगा।

मेष राशि: यह राशि मंगल की राशि है और मंगल और गुरु दोनों मित्र है। जब मित्र आपका शुभ गोचर में आ जाएगा तो आपको उसके अच्छे प्रभाव ही मिलेंगे। जितने भी मेष राशि के जातक हैं। जिनकी उम्र 25 साल से ऊपर हैं, वो इस समय मंगल या चंद्रमा की दशा से गुजर रहे हैं। चंद्रमा और मंगल दोनों ही गुरु की मित्र हैं। जब दशा आपके अनुकूल चल रही है। इस बीच आपके गुरु भी अनुकूल हो जाएंगे। 45 साल से ज्यादा जातकों राहु की दशा से गुजर रहे हैं। 12वें का गोचर राहु अच्छा नहीं है। 40 या 45 साल के नीचे के जातक हैं, वो निश्चित तौर पर चंद्रमा या मंगल की दशा से गुजर रहे हैं।

गुरु की बात करेंगे। यह दूसरे भाव हैं। इसको धन या कुटुंब का भाव भी कहा जाता है। यहां से फैमिली लाइफ देखी जाती है। आपकी स्पीच, काबिलियत  और खाने का तरीका यहीं से आती है।  जब गुरु यहां पर गोचर करेंगे, तो पंचमी दृष्टि सीधा आपके छठें भाव के ऊपर जाएगी। छठा भाव आपकी कुंडली में रोग, ऋण और शत्रु का भाव होता है। केतु पहले से ही शुभ गोचर में हैं। जब यह भाव आपके गुरु के प्रभाव में आ गया। इसका आपको निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। जिनके ऊपर कर्ज की समस्या है क्योंकि यह लिटिगेशन और एलिगेशन, विवाद, डेट और बीमारी का भाव है। जिसको बीमारी है, ठीक नहीं हो रही। वहां पर चीजें पॉजिटिव होना शुरू हो जाएंगी क्योंकि केतु पहले से ही यहां पर शुभ गोचर में हैं। एक नेगेटिव और पॉजिटिव  दोनों ही भाव इस भाग को एक्टिव कर रहे हैं। यदि आपके ऊपर कर्ज है, तो कर्ज से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।

Position of Karma and Income Place in the month of April अप्रैल महीने में कर्म और आय स्थान की स्थिति:  गुरु की 9वीं दृष्टि यहां से दसवें भाव को एक्टिव कर रही है। यह कर्म स्थान होता है। हालांकि गुरु की सातवीं दृष्टि यहां पर भी बन रही है पर यहां पर यह वाला ट्रायंगल एक्टिव होना बहुत अच्छा होता है। इसको अर्थ ट्रायंगल कहा जाता है। जब गुरु इस भाव को एक्टिव करते हैं। आपको कर्म या कारोबार का भाव है। आपके कारोबार में वृद्धि हो सकती है। प्रमोशन मिलने की संभावना है।

अष्टम का क्या फायदा हैं। अष्टम भाव इस भाव से 11वें भाव में आता है। अब कर्म का 11वां भाव एक्टिव हो गया। यह भाव आपके लगन का भाव है लेकिन यह भाव आपके दशम का 11वां भाव है। यहां से छिपा हुआ धन देखा जाता है। यह रिसर्च का भाव है। यहां से आयु का विचार किया जाता है। निश्चित तौर पर यहां पर आपको उसका अच्छा फल मिलेगा। यह आपकी पत्नी का भाव है और यह आपकी पत्नी के धन का भाव है। ससुराल पक्ष से भी आपको अच्छा लाभ हो सकता है। बहुत सारी चीजें है, जो गुरु आपको यहां कर के दिखाएंगे। छठे भाव से ऋण शत्रु की बात होती है। वहां पर आपको कर्म से फायदा होगा। इस भाव में गुरु की दृष्टि है। यह इसका 11वां भाव है इसका फायदा होगा।

गुरु आपकी कुंडली में भाग्य स्थान के स्वामी है। 9वां स्थान गुरु का भाव है। गुरु इस भाव के कारक भी हैं। धन भाव के कारक भी गुरु होते हैं। भाग्य स्थान का कारक भी गुरु है। वहां पर उनकी अपनी मूल त्रिकोण राशि पड़ी हुई है। निश्चित तौर पर शुभ गोटर में हैं, तो इसके फल अच्छे होंगे। गुरु की अंत चल पड़ी यानि चंद्रमा में गुरु चल पड़ा तो आपकी लाइफ में आपको कई नए मौके मिलेंगे। जिसके बारे में आपने सोचा नहीं होगा। यहां पर भाग्य स्थान और 12वां भाव भी एक्टिव हो जाएगा क्योंकि गुरु शुभ गोचर में हैं। यहां पर 12वें भाव के शुभ फल भी आपको मिलेंगे। विदेश यात्रा 12वें भाव से देखी जाती है। हांलांकि 12वें भाव के अशुभ भाव ज्यादा है। 12वें भाव से मोक्ष, हॉस्पिटलाइजेशन, व्यर्थ का खर्चा, जेल देखी जाती है। 12वें का शुभ फल यह है कि आपको धार्मिक यात्रा या विदेश यात्रा करने का मौका मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। कर्ज से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। रोग से मुक्ति मिलेगी। आपके साथी के साथ आपका अच्छा तालमेल बना रहेगा। कोई आपसे नाराज हैं, तो वहां पर चीजें पॉजिटिव होनी शुरू हो जाएंगी।            

नरेश कुमार
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Prachi Sharma

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