आज बन रहा है ये ख़ास योग, घर खरीदने के लिए है PERFECT मौका

Thursday, Jul 04, 2019 - 01:24 PM (IST)

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ज्योतिष गणना के हिसाब से साल के ऐसे बहुत से दिन होते हैं जब खास योग बनते हैं। इन्हीं में से कुछ बहुत ही शुभ और लाभ देने वाले माने जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 4 जुलाई को 05:32 से लेकर 02:31 तक सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि व गुरुपुष्य योग बन रहा है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार गुरु और पुष्य नक्षत्र के संयोग से ये योग बनता है। बता दें साल में 2019 में इस तरह के कुल तीन योग है, जिसमें सबसे पहला 06 जनवरी को था, दूसरा आज यानि 04 जुलाई को है और तीसरा 01 अगस्त को लगेगा। जिस तरह दिवाली और अक्षय तृतीया को शुभ माना जाता है ठीक उसी तरह इस योग को भी उतना ही शुभ माना जाता है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य बिना सोच विचार के किया जा सकता है। मगर बहुत लोगों को ये नहीं पता होता है कि आख़िर इन योग के दौरान शुभ फल प्राप्त किए कैसे जाएं। वो इसलिए क्योंकि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होती कि किस योग में कौन सा काम करना चाहिए और कौन सा नहीं। जिस कारण उन्हें शुभ की जगह अशुभ फलों की प्राप्ति हो जाती है। इसी के चलते उनके जीवन में परेशानियां आने लगती हैं।

तो चलिए आज हम आपको आख़िर गुरु पुष्य योग में क्या करना चाहिए व क्या नहीं करना चाहिए-
ज्योतिष अनुसार साल में कुछ ऐसे योग बनते हैं जिन्हें काफी शुभ माना गया है। 04 जुलाई को लगने वाला गुरु पुष्य योग कई मायनों में खास माना गया है। गुरु और पुष्य नक्षत्र के संयोग से ऐसा योग बनता हैं। 2019 में इस तरह के तीन योग हैं। जिसमें से पहला योग 06 जनवरी को लग चुका है। दूसरा 04 जुलाई को लगा है और तीसरा 01 अगस्त को लगेगा। इस योग को दिवाली और अक्षय तृतिया की तरह ही शुभ फल देने वाला माना जाता है।

गुरु पुष्य योग में कर सकते हैं ये काम-
माना जाता है गुरु पुष्य योग में वाहन, सोना, मकान या ज़मीन खरीदने के लिए समय सबसे उत्तम होता है। इसके अलावा जो लोग निवेश करने के लिए सही समय की तलाश में हो तो बता दें उनको भी निवेश फायदा दो सकता है। साथ ही किसी भी प्रकार के नए काम व नए कारोबार की शुरुआत के लिए भी गुरु पुष्य योग लाभदायक साबित होता है।

गुरु पुष्य योग में न करें ये काम-
माना जाता है कि विवाह या उससे संबंधित किसी भी काम को करने के लिए ये नक्षत्र व योग अच्छा नहीं होता। इससे जुड़ी एक पौराणक कथा के अनुसार ब्रह्मा जी अपनी बेटी शारदा का विवाह पुष्य नक्षत्र में करना चाहते थे लेकिन अपनी पुत्री के सौंदर्य पर वह खुद ही मोहित हो गए। ब्रह्माजी ने पुष्य नक्षत्र को अपने गलत विचारों का दोषी मानकर उन्हें शाप दे दिया। ब्रह्माजी के इसी शाप के कारण पुष्य नक्षत्र में विवाह संस्कार का आयोजन करना अच्छा नहीं माना जाता।

बता दें ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना गया है। साथ ही इसे सभी 27 नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। ग्रंथों में किए उल्लेख के अनुसार भगवान राम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था।  

Jyoti

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