Guru Purnima 2021: पूर्णिमा के दिन करें इन मंत्रों का जप

Wednesday, Jul 21, 2021 - 02:16 PM (IST)

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23 जुलाई को यानि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ी पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है तो मेरा प्रत्येक पूर्णिमा की तरह इस पूर्णिमा तिथि पर भी पावन नदियों में स्नान आदि करने का अधिक महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर महा ऋषि वेदव्यास का जन्म हुआ था जिस कारण इस दिन का महत्व शास्त्रों में अधिक पढ़ाया जाता है। चलिए जानते हैं गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त तथा इससे जुड़े कुछ मंत्र।

सबसे पहले बता दें कि गुरु पूर्णिमा पर्व महर्षि वेदव्यास को प्रथम गुरु मानते हुए उनके सम्मान में मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि इन्होंने ही सनातन धर्म के चार वेदों की व्याख्या की थी। चूंकि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन इनका जन्म हुआ है ऐसी मान्यता पर प्रचलित है इसी कारण इस दिन गुरु आदि का सम्मान व पूजन करने का महत्व है।

कहा जाता है कि गुरु वेदव्यास जी ने पहली बार मानव जाति को चार वेदों का ज्ञान दिया था जिस कारण इन्हें सभी के प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है। आषाढ़ मास में पढ़ने वाली इस पूर्णिमा तिथि को  व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

यहां जाने पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त-
23 जुलाई 2021 को प्रात: 10.45 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और 24 जुलाई को प्रात: 08.08 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी।

गुरु पूर्णिमा का शुभ समय-
अमृत काल- सुबह 01:00 बजे से सुबह 02:26 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त- अलसुबह 04:10 मिनट से 04:58 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:02 मिनट से 12:56 मिनट तक रहेगा।

ज्योतिषी बताते हैं कि इस दिन महर्षि वेद व्यास का ध्यान करना चाहिए तथा अपने गुरु आदि को भी नमन करते हुए उनका आदर सम्मान करना चाहिए।
मंत्र-
* ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
* ॐ गुरुभ्यो नम:।
* ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
 

Jyoti

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