550वां प्रकाश पर्व: ये हैं गुरु नानक देव के जी अनमोल विचार

Tuesday, Nov 12, 2019 - 09:10 AM (IST)

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न केवल भारत देश में बल्कि हर विश्व के हर कोने में 550वें गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की धूम देखने को मिल रही है। बता दें सिख धर्म के सबसे पहले गुरु, गुरु नानक देव जी थे। मान्यताओं के अनुसार हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन इनका जन्म दिन मनाया जाता है। सिख धर्म के लोगों के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी इसे बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं। और अगर बात करें इस बार के प्रकाश पर्व की तो ये और अधिक खास है। इसका कारण है पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब के दर्शन करने हेतु जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक करतापुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया। इसके साथ ही करतारपुर साहिब तक जाने का रास्ता भी खुल गया। कॉरिडोर में भारत की तरफ से 3.8 किमी लंबी सड़क बनाई गई है।

मान्यता है कि मात्र 5 साल की उम्र में गुरु नानक देव जी ने अपना पहला संदेश दिया था। गुरु नानक देव जी ने समाज को एकता में बांधने पर कई संदेश दिए थे। तो आइए जानते हैं गुरु पर्व के इस खास अवसर पर गुरु नानक देव जी के अनमोल उपदेश-

इनका मानना था कि भगवान एक है और वह हर जगह विघमान हैं। जिससे हमें ये सीख मिलती है कि हमें धर्म के नाम पर किसी भी तरह का भेदभाद न करें। 

गुरु नानक देव जी कहते थे कि हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से धन कमाना चाहिए। क्योंकि जो लोग धोखे से धन कमाते हैं उनका धन अच्छे कार्यों में नहीं लगता।

जितनी हो सके जरूरतमंदों की सहायता के लिए करें।

पैसों को कभी अपने ह्रदय से लगाकर नहीं रखना चाहिए यानि उनसे अधिक मोह नहीं रखना चाहिए।

पुरुष और स्त्री में कोई फर्क नहीं करना चाहिए उनके अनुसार कभी भी हमें महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए।

अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए और यही खुश रहने का सूत्र माना जाता है।

दूसरों की बुराई करने की बजाए पहले खुद की बुराइयों और गलत आदतों पर विजय पाने की कोशिश करें।

अपना जीवन अच्छे और विनम्र सेवाभाव से गुजारना चाहिए क्योंकि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है इसलिए कभी भी अहंकार न करें।

सभी मनुष्यों को प्रेम, एकता, समानता और भाईचारा का संदेश देना चाहिए। 

इक ओंकार का नारा दिया था गुरु नानक देव जी ने दिया था। उनका मानना था कि सबका पिता एक है इसलिए सभी लोगों को एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।

Jyoti

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