Guru Atichari 2025: जानें मेष से मीन तक क्या होगा ?
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 07:01 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Guru Atichari 2025: बृहस्पति ने राशि बदल ली है 15 मई को। इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है लेकिन इस बार जो गुरु की स्पीड है वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड है। जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। लगभग 158 दिन में सवा महीने के आसपास हो सकता है। गुरु का गोचर 15 मई को हो गया है और 18 अक्टूबर को निकल जाएंगे और कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि यह वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे मिथुन राशि में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। ये एक साल का समय है लेकिन इस बार गुरु अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी मतलब शीघ्र गति है, शीघ्र गति हो जाएंगे और शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे। मिथुन में यहां पर रहेंगे अगले साल मई तक।
मेष राशि: सबसे पहले मेष राशि मेष राशि के जातकों के लिए गुरु इस समय धन राशि धन भाव के ऊपर से गोचर कर रहे हैं। यह गोचर अच्छा है। इसे शास्त्रों में शुभ गोचर कहा गया है। लेकिन गुरु आगे आ जाएंगे तीन राशि में। अब गुरु काल पुरुष की कुंडली जो कि मेष लग्न की ही होती है। उसमें धन भाव के भी भाग्य स्थान के भी स्वामी बन जाते हैं। 12वें भाव के भी स्वामी बन जाते हैं क्योंकि गुरु का थर्ड भाव का गोचर अच्छा नहीं होता। इसलिए आपको 12वें के फल मिल सकते हैं।12वें का फल होता है आपका खर्चा बढ़ सकता है। हालांकि आध्यात्मिक यात्रा खूब कराएंगे गुरु। हालांकि मेष राशि में मेष राशि के जातकों के लिए जब तीसरे बैठेंगे तो वह सप्तम को एक्टिवेट कर देंगे। जिनकी शादी नहीं है उनकी शादी भी करवा देंगे क्योंकि दृष्टि तो हमेशा पॉजिटिव ही रहेगी। गुरु जब यहां पर बैठेंगे तो आपके जो नाइंथ आस्पेक्ट जाएगी। वह आय स्थान पर जाएगी। यह गुरु का अपना भाव है, तो आय स्थान को एक्टिव कर देंगे, भाग्य स्थान को एक्टिव करेंगे और तीसरे भाव को एक्टिव करेंगे। हालांकि खर्चे वाला भाव भी आपका एक्टिव रहेगा। आपको जरूर इस तरफ थोड़ा सा ध्यान रखने की जरूरत पड़ेगी। कुछ न कुछ स्लीपिंग से संबंधित समस्या हो सकती है क्योंकि 12वां भाव स्लीपिंग डिसऑर्डर का भी होता है। 12वें भाव से पैर का विचार भी किया जाता है। पैरों का थोड़ा सा जरूर ख्याल रखिएगा। यह चीजें आपके साथ थोड़ी सी डिस्टर्ब करने वाली हो सकती हैं। सिंगल लोगों की मैरिज होने के चांसेस हैं। यदि दूसरी संतान का विचार किया जा रहा है तो संतान भी हो सकती है क्योंकि नवम जो होता है। वह पंचम का पंचम होता है। तो नवम पर गुरु की दृष्टि या गुरु संतान के कारक हैं। तो निश्चित तौर पर संतान भी आ सकती है। शादी भी हो सकती है। यदि आप काम करते हैं कहीं पर जॉब करते हैं तो वहां पर आपको अच्छी ग्रोथ भी मिल सकती है।
वृषभ राशि: जब यहां पर गुरु बैठे हैं वृषभ राशि के जातकों के लिए तो छठे को एक्टिव करेंगे। छठे पर गुरु की दृष्टि होगी। यदि कोई कोर्ट का मुकदमा है, तो वहां पर हो सकता है कि चीजें आपकी सेटल होनी शुरू हो जाए। यदि कोई आपके ऊपर डेप्ट है, कर्ज वाली स्थिति है, तो आपका वो डेप्ट धीरे-धीरे थोड़ा सा निकलना शुरू हो जाए क्योंकि गुरु यहां पर धन भाव में बैठे हैं। गुरु धन भाव तो एक्टिव करेंगे। लेकिन गुरु धन भाव में बैठकर कौन सा भाव एक्टिव करेंगे। यहां पर यह ट्रायंगल एक्टिव करेंगे। इसको इकोनमिक ट्रायंगल बोलते हैं। गुरु की दृष्टि होगी आपके छठे पर, आठवें पर और 10वें पर। दसवां भाव आपका कर्म स्थान होता है और कर्म स्थान यदि गुरु के द्वारा एक्टिव है, तो गुरु की आपके ऊपर ब्लेसिंग्स हैं। निश्चित तौर पर आपका कारोबार भी चलेगा। आपकी नौकरी में भी आपकी पोजीशन अच्छी होगी और आपकी इनकम भी डेफिनेटली बढ़ेगी क्योंकि गुरु धन भाव में खुद बैठे हैं। उसी भाव के कारक हैं। वहां पर आपको निश्चित तौर पर गुरु अच्छे परिणाम जरूर देखे जाएंगे। वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर डेफिनेटली अच्छा होने वाला है। यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है। गुरु आपकी कुंडली में एथ हाउस में है। छठे भाव में है। 12वें भाव में है। गुरु राहु केतु एक्सिस में है। शनि मंगल के साथ है। गुरु सूर्य का साथ आकर अस्त बैठे हैं, तो आपको निश्चित तौर पर गुरु की रेमेडीज कुछ जरूर करनी चाहिए।
मिथुन राशि: बात करेंगे मिथुन राशि के जातकों की। चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता। शास्त्रों में यह कहा गया है कि चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद गुरु की दृष्टि अच्छी है। यहां पर गुरु की अपनी राशि मिथुन आपके सप्तम में आ जाएगी और गुरु उस भाव को देखेंगे। जब सप्तम एक्टिवेट है, तो यह पार्टनरशिप का भाव है। यहां से यदि आप कोई बिजनेस पार्टनरशिप करना चाहते हैं, तो डेफिनेटली वह भाव एक्टिव है। यदि शादी का समय हो गया आपकी शादी नहीं हो रही है, तो निश्चित तौर पर गुरु यहां पर गोचर के दौरान शादी का काम करवा सकते हैं। यदि आपको संतान की वेट है। आप संतान प्लानिंग कर रहे हैं लेकिन संतान हो नहीं रही है, तो यह भाव एक्टिव है क्योंकि गुरु जब आपके चंद्रमा के ऊपर से गोचर करेंगे तो आपके फिफ्थ को एक्टिव कर देंगे। यह संतान का भाव होता है। गुरु इस भाव के कारक भी होते हैं। यहां पर गुरु बैठेंगे तो आपके नाइंथ को भी एक्टिव करेंगे। यह भाग्य स्थान होता है। तो भाग्य स्थान का एक्टिव होना इसका मतलब यह है कि आपको छोटी-छोटी बातों में भाग्य का साथ मिलना शुरू हो जाएगा। आध्यात्म की तरफ आपका ध्यान बढ़ जाएगा। चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर वैसे तो आपको पॉजिटिव करेगा। लेकिन चूंकि चंद्रमा गुरु है, वो किसी भी कुंडली में किसी भी घर में 12वें का भी प्रभाव लेकर बैठते हैं। इसलिए कहा जाता है कि गुरु जिस भाव में बैठते हैं। उस भाव की हानि करते हैं। हो सकता है कि आपके कुछ खर्चे बढ़ जाए। फौरन से यदि कोई संबंधित काम है आपका वो अटक जाए। आपको स्लीपिंग का कोई इशू हो जाए। ये चीजें थोड़ी सी आपकी गड़बड़ हो सकती हैं।मिथुन राशि के जातकों के लिए चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर डेफिनेटली आपको अच्छे परिणाम देकर जाएगा। जहां-जहां गुरु की दृष्टि है।
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु भाग्य स्थान के स्वामी हो जाते हैं। भाग्य स्थान में गुरु की मीन राशि आ जाती है। लेकिन भाग्य स्थान के स्वामी का ही ऐसे भाव में जाना अच्छा भाव नहीं है। 12वां भाव है, यहां पर यह हानि करवा सकता है। लेकिन चकि गुरु यहां पर बारहवें में बैठेंगे, छठे को देखेंगे, फोर्थ को देखेंगे और अष्टम को देखेंगे। अष्टम के ऊपर जाएगी नाइंथ दृष्टि। छठे के ऊपर जाएगी उनकी सीधी सप्तम दृष्टि और फोर्थ हाउस के ऊपर जाएगी पांचवी दृष्टि। फोर्थ हाउस मदर का भाव होता है। मदर की हेल्प से यदि कोई समस्या है कर्क राशि के जातकों को तो वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। प्रॉपर्टी कोई बनाने का प्लान है तो वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। कर्ज वाली कोई स्थिति है तो वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। कोई लिटिगेशन चल रहा है वहां पर चीजें सेटल हो सकती हैं। रिसर्च का काम हो सकता है लेकिन 12वें में गुरु का जाना अच्छा नहीं है। 12वां खर्चे का भाव है, 12वां मोक्ष, हॉस्पिटल का भाव है। तो आपको थोड़ा सा ज़रूर ध्यान रखना पड़ेगा। कुछ जगह पर हो सकता है कि भाग्य आपका उस तरीके से साथ न दे जिस तरीके से आप एक्सपेक्ट करते हैं भाग्य से क्योंकि भाग्य स्थान का स्वामी चला जाएगा 12वें भाव में।
सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर जो है वह होगा 11वें भाव में। 11वां आपकी आय का भाव है, 11वें भाव में जब गुरु बैठेंगे तो तीन चीजें यहां पर करेंगे। जिनकी शादी नहीं हुई है उनकी शादी हो जाएगी। 11वें भाव में जब गुरु बैठेंगे तो यहां पर पांचवी दृष्टि देंगे। यदि छोटा भाई है तो उसके साथ आपकी ट्यूनिंग बेटर हो सकती है। यदि छोटे भाई को कोई समस्या है तो वहां पर चीजें हैं वो ठीक हो सकती हैं। गुरु जब यहां पर बैठेंगे तो सीधी दृष्टि जाएगी आपके फिफ्थ हाउस के ऊपर। यदि आपकी लाइफ में कोई नहीं है तो कोई व्यक्ति लाइफ में आ सकता है। संतान की वेट कर रहे हैं तो संतान जरूर आ सकती है क्योंकि पंचम सीधा गुरु के द्वारा एक्टिव है। गुरु इस भाव के कारक है, यदि शादी नहीं हुई है तो सप्तम एक्टिव है। तो निश्चित तौर पर सप्तम और पंचम के सिग्निफिकेंट एक्टिव है। आपके लिए गुरु का गोचर वैसे भी अच्छा है क्योंकि गुरु आपके लिए पंचम स्थान के स्वामी होकर 11वें में बैठे हैं। सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु की मिथुन, धनु राशि है वो पंचम में आ जाती है। गुरु पंचमेश बन जाते हैं सिंह राशि के जातकों के लिए तो निश्चित तौर पर यह गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए अच्छा फल करने जा रहा है।
कन्या राशि: चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता। शास्त्रों में यह कहा गया है कि चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद गुरु की दृष्टि अच्छी है। यहां पर गुरु की अपनी राशि कन्या आपके सप्तम में आ जाएगी और गुरु उस भाव को देखेंगे। जब सप्तम एक्टिवेट है, तो यह पार्टनरशिप का भाव है। यहां से यदि आप कोई बिजनेस पार्टनरशिप करना चाहते हैं, तो डेफिनेटली वह भाव एक्टिव है। यदि शादी का समय हो गया आपकी शादी नहीं हो रही है, तो निश्चित तौर पर गुरु यहां पर गोचर के दौरान शादी का काम करवा सकते हैं। यदि आपको संतान की वेट है। आप संतान प्लानिंग कर रहे हैं लेकिन संतान हो नहीं रही है, तो यह भाव एक्टिव है क्योंकि गुरु जब आपके चंद्रमा के ऊपर से गोचर करेंगे तो आपके फिफ्थ को एक्टिव कर देंगे। यह संतान का भाव होता है। गुरु इस भाव के कारक भी होते हैं। यहां पर गुरु बैठेंगे तो आपके नाइंथ को भी एक्टिव करेंगे। यह भाग्य स्थान होता है। तो भाग्य स्थान का एक्टिव होना इसका मतलब यह है कि आपको छोटी-छोटी बातों में भाग्य का साथ मिलना शुरू हो जाएगा। आध्यात्म की तरफ आपका ध्यान बढ़ जाएगा। चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर वैसे तो आपको पॉजिटिव करेगा। लेकिन चूंकि चंद्रमा गुरु है, वो किसी भी कुंडली में किसी भी घर में 12वें का भी प्रभाव लेकर बैठते हैं। इसलिए कहा जाता है कि गुरु जिस भाव में बैठते हैं। उस भाव की हानि करते हैं। हो सकता है कि आपके कुछ खर्चे बढ़ जाए। फौरन से यदि कोई संबंधित काम है आपका वो अटक जाए। आपको स्लीपिंग का कोई इशू हो जाए। ये चीजें थोड़ी सी आपकी गड़बड़ हो सकती हैं। कन्या राशि के जातकों के लिए चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर डेफिनेटली आपको अच्छे परिणाम देकर जाएगा। जहां-जहां गुरु की दृष्टि है। वहां पर आपको उसके अच्छे परिणाम जरूर मिलेंगे।
तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए गोचर बहुत शुभ है। तुला राशि के जातकों के लिए गुरु भाग्य स्थान से गोचर करेंगे। हालांकि तुला राशि ऐसी राशि है जिसके लिए गुरु दोनों अच्छे भावों के स्वामी नहीं होते। गुरु की मिथुन राशि गुरु की धनु राशि आ जाती है आपके तीसरे भाव में यह अच्छा भाव नहीं है। गुरु की मीन राशि आपके छठे भाव में, यह भी अच्छा भाव नहीं है। लेकिन चकि गुरु का गोचर अच्छा है इसलिए आपको इसका बहुत फायदा होगा। सबसे पहले तो यहां पर नाइंथ हाउस में जब गुरु बैठेंगे तो पांचवी दृष्टि आपकी राशि को ही देंगे। यदि कोई नेगेटिविटी आ रही है लाइफ में, कोई नेगेटिव विचार आ रहे हैं, नकारात्मकता ज्यादा आ रही है तो डेफिनेटली वहां पर गुरु की दृष्टि आपको पॉजिटिव करने का काम करेगी। दूसरा गुरु की दृष्टि यहां पर पड़ेगी तीसरे भाव के ऊपर। तीसरा आपका भाई, आपके पराक्रम का भाव होता है। छोटा भाई यहां से आता है तो पराक्रम में वृद्धि करवाएंगे, आपका कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ नजर आएगा। आपका स्टेट ऑफ माइंड थोड़ा सा पॉजिटिव रहेगा। तो आप कॉन्फिडेंस के साथ काम करेंगे, पूरी कन्विक्शन के साथ फैसले लेंगे। यहां पर गुरु बैठेंगे तो आपको आपका फाइव फिफ्थ हाउस है वहां पर देखेंगे नाइंथ दृष्टि के साथ। अब गुरु जब फिफ्थ को देखते हैं, फिफ्थ के कारक भी गुरु हैं, यह संतान का भाव होता है। यदि आप मैरिड हैं, आपको संतान की दरकार है, आप प्लानिंग कर रहे हैं, फैमिली प्लानिंग के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो डेफिनेटली वह समय आ रहा है। जहां पर आपका फिफ्थ एक्टिव होगा और आपको संतान की प्राप्ति हो सकती है। यह समय आपके लिए उस भाव से उस तरीके से अच्छा है। यदि लाइफ में आपकी कोई नहीं है तो कोई लाइफ में आ सकता है।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर शुभ नहीं है क्योंकि यहां पर गुरु गोचर करेंगे अष्टम भाव से। अष्टम में जाना गुरु का अच्छा नहीं है। वृश्चिक राशि मंगल की राशि है। यहां पर गुरु धन भाव के भी स्वामी हो जाते हैं, पंचम के भी स्वामी हो जाते हैं। तो पंचम के स्वामी का अष्टम में जाना संतान से संबंधित दिक्कत पैदा कर सकता है क्योंकि यह अष्टम में चला गया न धन भाव को तो गुरु प्रोटेक्ट कर लेंगे सीधी दृष्टि से यहां पर बैठकर लेकिन पंचम को वह प्रोटेक्ट नहीं कर पाएंगे। लिहाजा संतान से संबंधित कोई न कोई दिक्कत आ सकती है। हालांकि गुरु 12वें से संबंधित फल देंगे। यदि आपका काम विदेश से जुड़ा हुआ है तो विदेश से संबंधित चीजें आपके लिए अच्छी हो सकती हैं। आपको हो सकता है कि फॉरेन से कोई इनकम का रास्ता खुल जाए। हो सकता है कि यदि आपने कोई फाइल अप्लाई की हुई है, वहां पर आपको सफलता मिल जाए। हो सकता है कि आपने यदि कोई प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग की है तो यहां पर गुरु की दृष्टि पड़ेगी फोर्थ हाउस के ऊपर। हो सकता है कि वह प्रॉपर्टी आपकी बन जाए लेकिन संतान पक्ष से हो सकता है कि आपको थोड़ी बहुत परेशानी हो जाए। यहां पर गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। गुरु अपनी उस राशि का फल अच्छा नहीं कर पाएंगे, रिसर्च से जुड़े जो स्टूडेंट्स हैं उनको परेशानी हो सकती है। गाड़ी धीमी चलाइएगा क्योंकि यह अष्टम दुर्घटना का भी भाव है। यह सीक्रेसी का भी भाव है, सीक्रेसी आपकी यहां पर कॉम्प्रोमाइज हो सकती है।
धनु राशि: सबसे पहले बात करेंगे धनु राशि के जातकों की। चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता। शास्त्रों में यह कहा गया है कि चंद्रमा के ऊपर से गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद गुरु की दृष्टि अच्छी है। यहां पर गुरु की अपनी राशि धनु आपके सप्तम में आ जाएगी और गुरु उस भाव को देखेंगे। जब सप्तम एक्टिवेट है, तो यह पार्टनरशिप का भाव है। यहां से यदि आप कोई बिजनेस पार्टनरशिप करना चाहते हैं, तो डेफिनेटली वह भाव एक्टिव है। यदि शादी का समय हो गया आपकी शादी नहीं हो रही है, तो निश्चित तौर पर गुरु यहां पर गोचर के दौरान शादी का काम करवा सकते हैं। यदि आपको संतान की वेट है। आप संतान प्लानिंग कर रहे हैं लेकिन संतान हो नहीं रही है, तो यह भाव एक्टिव है क्योंकि गुरु जब आपके चंद्रमा के ऊपर से गोचर करेंगे तो आपके फिफ्थ को एक्टिव कर देंगे। यह संतान का भाव होता है। गुरु इस भाव के कारक भी होते हैं। यहां पर गुरु बैठेंगे तो आपके नाइंथ को भी एक्टिव करेंगे। यह भाग्य स्थान होता है। तो भाग्य स्थान का एक्टिव होना इसका मतलब यह है कि आपको छोटी-छोटी बातों में भाग्य का साथ मिलना शुरू हो जाएगा।
मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर होगा छठे भाव में। छठे भाव का गुरु का गोचर शुभ नहीं होता। तो मकर राशि के जातकों के लिए गुरु अच्छे भाव के स्वामी नहीं होते हैं क्योंकि गुरु 12वें के स्वामी हो जाते हैं। यहां से तो गुरु प्रोटेक्ट कर देंगे लेकिन गुरु तीसरे के भी स्वामी हो जाते हैं। दोनों ही भाव अच्छे नहीं है, यह शनि की राशि है। शनि की राशि होने के कारण गुरु यहां पर अच्छे भावों के स्वामी नहीं होते और यह गोचर भी आपके लिए अच्छा नहीं है। लिहाजा थोड़ा सा आपको ध्यान जरूर रखना पड़ेगा। कुछ एरियाज है लाइफ के वहां पर गुरु की दृष्टि रहेगी, वहां पर यह गोचर आपके लिए अच्छा हो सकता है लेकिन इस चीज का ध्यान रखिए कि किसी की भी लीगल या फाइनेंसियल गारंटी इस गोचर के दौरान नहीं लीजिएगा। छठे में गुरु बैठे हैं, यहां पर दिक्कत हो सकती है। गुरु यहां से बैठेंगे तो पंचम दृष्टि से दशम को एक्टिव करेंगे। दशम भाव कर्म का भाव होता है, वहां पर आपको फायदा हो सकता है। कारोबार में वृद्धि करवाने का काम यहां पर गुरु कर सकते हैं। आपके काम को पहचान मिलनी शुरू हो सकती है। 12वें को गुरु देखेंगे, विदेश यात्रा करवा सकते हैं। लेकिन 12वें के सिग्निफिकेंस खर्चे वाले भी होते हैं, वह भी एक्टिव हो जाएंगे। इसके साथ ही यदि आपका काम विदेश से संबंधित है तो वहां पर कुछ न कुछ लाभ जरूर हो जाएगा। गुरु यहां पर बैठेंगे तो इसकी दृष्टि जाएगी आपके धन स्थान के ऊपर। धन में वृद्धि हो सकती है, कुटुंब में आपके आपका रिस्पेक्ट बढ़ सकता है। जो सेकंड हाउस होता है वह फैमिली हाउस होता है।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर बहुत अच्छा होने जा रहा है और यह शुभ होने जा रहा है क्योंकि गुरु का फिफ्थ हाउस का गोचर बहुत अच्छा होता है। गुरु खुद इस भाव के कारक हैं। अब यहां पर फिफ्थ में गुरु बैठेंगे तो पांचवी दृष्टि देंगे नाइंथ हाउस को। नाइंथ हाउस के ऊपर गुरु की दृष्टि का मतलब यह है कि आप आध्यात्म की तरफ जा सकते हैं। कोई भी आप काम करेंगे भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। किसी धार्मिक जगह पर जाने का मौका मिलेगा, कुछ लोग चारधाम के लिए जाएंगे। पिता की सेहत के लिहाज से ये अच्छा है। गुरु यहां पर फिफ्थ में गोचर कर के 11वें भाव को देख रहे हैं, यह लाभ का भाव, आय का भाव होता है। दशम से हम कर्म देखते हैं, 11वें से आय देखते हैं। तो निश्चित तौर पर वहां पर आपकी आय बढ़ती हुई नजर आएगी। जो कारोबारी लोग हैं, उनको कारोबार में वृद्धि होती हुई नजर आएगी। थोड़ा सा पॉजिटिव फील करेंगे। गुरु चंद्रमा को दृष्टि दे रहे हैं तो आप पॉजिटिव फील करेंगे, खुद में आपको कॉन्फिडेंस ज्यादा आ जाता है। तो निश्चित तौर पर गुरु का यह गोचर काफी अच्छा होने जा रहा है। पंचम में गुरु गोचर करेंगे तो पंचम एक्टिव खुद ही हो जाएगा। तो पंचम के एक्टिव होने का मतलब यह है कि यदि कोई लाइफ में नहीं है तो लाइफ में कोई आ सकता है। यदि कोई संतान की वेट कर रहा है यानी कि कोई आप फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं तो वहां पर संतान की भी प्राप्ति हो सकती है तो फिफ्थ हाउस एक्टिव है।
मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर होगा फोर्थ हाउस में। फोर्थ हाउस का गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता क्योंकि काल पुरुष की कुंडली में चौथा हाउस सुख स्थान होता है और काल पुरुष की कुंडली में 12वें का स्वामी जब आपका आकर फोर्थ में बैठ गया तो आपके सुख को भंग कर सकता है। यदि आप प्रॉपर्टी खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो वहां पर हो सकता है कि आपकी चीजें थोड़ी सी गड़बड़ हो जाए। तो यदि आप प्रॉपर्टी खरीदें या कहीं पर कोई एसेट क्रिएशन की बात चल रही चले तो वहां पर चीज़ें संभलकर करिए। यह चीज़ें थोड़ी सी डिस्टर्ब करने वाली हो सकती हैं आपके लिए और यहां पर आपको हो सकता है कि कहीं न कहीं नुकसान हो जाए। दूसरा गुरु जब यहां पर बैठेंगे तो अष्टम को दृष्टि देंगे। जिनका काम रिसर्च से जुड़ा हुआ है उनको उनको उसका फायदा हो सकता है। जो डिटेक्टिव का काम करते हैं उनको फायदा हो सकता है क्योंकि यह सीक्रेसी का भाव है। आपकी सीक्रेसी मेंटेन रहेगी। यहां पर आपके लिए बहुत सारी चीज़ें ठीक रहेंगी और गुरु सीधी दृष्टि देंगे। कारोबार के मामले में कोई दिक्कत नहीं आने वाली, कारोबार आपका अच्छा चलेगा। गुरु की दृष्टि इस भाव के ऊपर है, यदि आप नौकरी करते हैं तो आपके काम को रिकॉग्नाइजेशन मिलेगी। वह सारी चीजें ठीक चलती रहेंगी।
नरेश कुमार
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