कोरोना से मिल सकती है मुक्ति, इस साधना काल को न जानें दें व्यर्थ

Wednesday, Jun 24, 2020 - 12:46 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे कि हम अपनी वेबसाइट के जरिए आपको ये बता चुके हैं कि 22 जून से इस साल के आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो चुके हैं, जिनका 30 जून आषाढ़ माह की दशमी तिथि को होगा। बता दें यूं तो देवी दुर्गा को समर्पित हिंदू धर्म के ये पर्व साल में 4 बार पौष, चैत्र, आषाढ तथा अश्विन मास में मनाया जाता है। धार्मिक शास्त्रों की मानें तो गुप्त नवरात्रों में मां की साधना को गुप्त रखा जाता है, इससे अधिक लाभ प्राप्त होता है। इतना ही नहीं जो भी जातक इस दौरान मां की गुप्त रूप से साधना करता है इस देवी मां उस पर प्रसन्न होती हैं तथा वरदान प्रदान करती हैं। इसके अलावा शास्त्रों में ये उल्लेख भी मिलता है कि जब भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं तब देव शक्तियां कमज़ोर होने लगती हैं। अतः तमाम तरह की विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना की जाने का विधान है।

यहां जानें गुप्त नवरात्रि से जुड़ी अन्य खास जानकारी-

गुप्त नवरात्रों की महिमा को देखते हुए ही लोग, खासतौर साधु आदि इस दौरान देवी मां की साधना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं ताकि देवी दुर्गा उन्हें दुर्लभ शक्तियों प्राप्त होने का आशीर्वाद दें।

बता दें गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी।

ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस पूजा के नियम आम पूजा से थोड़े कड़े होते हैं।

इन दिनों घर की या घर आई स्त्री को अपमानित नहीं करना चाहिए।

मां के समक्ष घी के दीए जलाकर सुबह-शाम मंत्र जाप, चालीसा और सप्तशती का पाठ करना चाहिए। तथा लौंग-बताशे के रूप में प्रसाद अर्पित करें।

ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े से बड़े रोग-दोष व कष्टों के निवारण के लिए गुप्त नवरात्र से बढ़कर कोई साधना काल नहीं हैं। तो अगर आप चाहते हैं कोरोना जैसे संकट से पूरे देश को छुटकारा मिल जाए तो संयम-नियम व श्रद्धा के साथ गुप्त नवरात्र में देवी दुर्गा की दस महाविद्याओं की अच्छे से पूजा करें।

Jyoti

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