गुप्त नवरात्रि : स्थापना मुहुर्त के साथ-साथ जानें इससे जुड़ा अद्भुत रहस्य

Tuesday, Jul 02, 2019 - 05:57 PM (IST)

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जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कल से आषाढ़ नवरात्रि यनि इस साल के दूसरे गुप्त नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। बता दें साल में कुल 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं। जिनमें से अश्विन और चैत्र नवरात्रि मुख्य होती हैं। इसके अलावा साल में दो बार गुप्त नवरात्रि मनाए जाते हैं। कहा जाता है इन दोनों नें देवी दुर्गा की गुप्त रूप में पूजा की जाती है। एक बार फिर बता दें गुप्त नवरात्र आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार, 3 जुलाई से शरू होकर 10 जुलाई 2019 तक चलेंगे। बहुत कम लोग जानते होंगे कि गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से मां दुर्गा के साथ-साथ बाकि के देवी-देवता की भी गुप्त रूप से पूजा की जाती है।

यहां जानें गुप्त नवरात्रि का स्थापना मुहूर्त:
पहला मुहूर्त : सुबह 5:32 से 6:32 तक
दूसरा मुहूर्त : सुबह 10:45 से 11:45 तक

गुप्त नवरात्रि का स्थापना विधि-
पूजा में कांसे के बर्तनों का इस्तेमाल करें।
संभव हो तो पूजा में हरी चीज़ों का ज्यादा उपयोग करें।
हरित मणि की माला से माता रानी के मंत्रों का जाप करें।
पूजा संपन्न करने के बाद देवी को मिश्री का भोग ज़रूर लगाएं।

आइए अब जानते हैं मां दुर्गा के अलावा किनकी होती है गुप्त पूजा और साथ ही जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें-
बता दें कि माघ और आषाढ़ मास में आने वाले नवरात्रों को गुप्त नवरात्रि कहते हैं, क्योंकि इसमें गुप्त रूप से शिव व महाशक्ति की उपासना की जाती है। जबकि चैत्र एवं शारदीय नवरात्रि में सार्वजनिक रूप में माता दुर्गा की पूजा भक्ति की जाती है।

हिंदू शास्त्रों में गुप्त नवरात्रि को खासतौर पर गुप्त सिद्धियों प्राप्त करने का साधना काल बताया गया है। यही कारण है साधक गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से विशेष साधना कर अनेक तरह की सिद्धियां प्राप्त करते हैं।

साल के चार नवरात्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, एक साल में कुल चार नवरात्रि आती है। साल के पहले मास में पहली अर्थात चैत्र नवरात्रि, चौथे माह आषाढ़ में दूसरी गुप्त नवरात्रि, इसके बाद अश्विन मास में तीसरी प्रमुख आश्विन नवरात्रि एवं ग्यारहवें माह अर्थात माघ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। दोनों गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की सार्वजनिक पूजा उपासना के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर रूप की गुप्त रूप से पूजा आराधना की जाती है।

Jyoti

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