आज करें श्री बगलामुखी के इन खास मंत्रों का जाप, Married Life  में छाएगा प्यार का खुमार

Wednesday, Jul 10, 2019 - 11:02 AM (IST)

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आज आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि दिन बुधवार गुप्त नवरात्रि की आंठवीं महाविद्या श्री बगलामुखी का पूजन किया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां भगवती श्री बगलामुखी का महत्व समस्त महाविद्याओं में से सबसे विशिष्ट है। कहा जाता है मां बगलामुखी यंत्र मुकदमों में सफलता व सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके बारे में ये तक कहा जाता है कि इनके यंत्र में इतनी क्षमता है कि भयंकर ये भयंकर तूफान भी इसके आगे टिक नहीं सकता।  

पौराणिक कथाओं के अनुसार सतयुग में एक समय भीषण तूफान उठा। इसके परिणामों से चिंतित होकर भगवान विष्णु ने तप करने की ठानी। उन्होंने सौराष्‍ट्र प्रदेश में हरिद्रा नामक सरोवर के किनारे कठोर तप किया। बता दे हरिद्रा यानि हल्दी। कहा जाता है इसी तप के फलस्वरूप सरोवर में से भगवती बगलामुखी का अवतरण हुआ। इसीलिए मां बगलामुखी के वस्त्र एवं पूजन सामग्री सभी पीले रंग के होते हैं और मंत्र जप के लिए भी हल्दी की माला का प्रयोग होता है।

साधनाकाल की सावधानियां
ब्रह्मचर्य का पालन करें, पीले वस्त्र धारण करें, एक समय भोजन करें, बाल नहीं कटवाए और मंत्र का उच्चारण रात्रि के 10 से प्रात: 4 बजे के बीच ही करें।

प्रभावशाली मंत्र-
अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि।
त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये।
ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।
ॐ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।

आवाहन मंत्र-
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा।

ध्यान मंत्र-
सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम्हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्
हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै
व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।

मंत्र
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां
वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।

Jyoti

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