गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि को पड़ रही है मासिक दुर्गाष्टमी, जानें क्या है इसका महत्व

Thursday, Jul 07, 2022 - 09:58 AM (IST)

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30 जून से इस वर्ष के दूसरे गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हुए जिनका समापन 08 जुलाई को नवरात्रि की नवमी तिथि के साथ होगा। इस उपलक्ष्य में 07 जुलाई को अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व पड़ता है, जिस दौरान देवी दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन इनकी आराधना करने से जीवन सुलभ होता है, तथा जीवन की कठिनाइयों से राहत मिलता है। यूं तो हर मास की अष्टमी तिथि को महत्व प्राप्त है, परंतु बात करें अगर आषाढ़ मास की दुर्गाष्टमी की तो इसे अत्यंत खास माना जाता है, जो इस बार और भी खास मानी जा रही है। ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार मासिक दुर्गाष्टमी गुप्त नवरात्रि में पड़ी रही है जिस कारण इसका महत्व बढ़ गया है, क्योंकि इस दिन गुप्त नवरात्रि के अष्टमी तिथि होने के कारण नवरात्रि की दुर्गाष्टमी भी पड़ रही है। बता दें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना करने का विधान है। तो आइए जानते हैं इस का शुभ मुहूर्त व अन्य जुड़ी बातें-

तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 06 जुलाई को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा। ये तिथि अगले दिन 07 जुलाई को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 07 जुलाई को रखा जाएगा।

पूजा मुहूर्त
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह से लेकर रात 11 बजकर 31 मिनट तक शिव योग रहेगा, जिसके बाद सिद्ध योग शुरू होगा। इसके अलावा इस दिन चित्रा नक्षत्र भी है, जो 08 जुलाई को रात 02 बजकर 44 मिनट तक रहेगा है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ये दोनों ही योग और नक्षत्र मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होते हैं।

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बता दें इसके अतिरिक्त मासिक दुर्गाष्टमी की के दिन रवि योग भी बन रहा है जो 08 जुलाई की रात 02 बजकर 44 मिनट से सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। बता दें इस मासिक दुर्गाष्टमी के दिन का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस दौरान जातक हर प्रकार का शुभ कार्य कर सकते हैं।

पूजा विधि
उपरोक्त जानकारी के अनुसार इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है, परंतु क्योंकि इस बार मासिक दुर्गाष्टमी गुप्त नवरात्रि के महाष्टमी के दिन पड़ रही है, अतः इस दिन महागौरी की पूजा करनी भी अनिवार्य रहेगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन प्रातः उठकर स्नान आदि करने के बाद उस स्थान पर गंगाजल छिड़क लें, जहां बैठकर पूजा करनी हो। ताकि उस स्थान का शुद्धिकरण हो जाए। इसके बाद मां दुर्गा के चित्र या मूर्ति का भई गंगाजल से अभिषेक कर लें।
फिर घर के पूजा स्थल में दीप प्रज्वलित जरूर करें, तथा मां दुर्गा को अक्षत, सिंदूर और लाल पुष्प जरूर चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में इस दिन मां दुर्गा को फल और मिठाई चढ़ाएं। ध्यान रहें देवी दुर्गा की चालीसा का पाठ तथा मां की आरती का गुणगान जरूर करें।

महत्व
बताया जाता है नवरात्रि में पड़ने की वजह से प्रत्येक अष्टमी तिथि का महत्व अधिक बढ़ जाता है। हिंदू धर्म में ये तिथि मां दुर्गा को समर्पित है तथा इन्हें प्रसन्न करने के लिए बेहद खास मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि प्रत्येक दुर्गाष्टमी के दिन शक्ति की उपासना करने से जातक के जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और जीवन में खुशहाली का आगमन होता है।

 

Jyoti

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