गुप्त नवरात्रि 2020: 175 बाद बन रहा ग्रहों का यह दुर्लभ संयोग, इसलिए है खास

Saturday, Jan 25, 2020 - 02:44 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नवरात्रि पर्व देवी दुर्गा का त्यौहार है। इसके आरंभ होती है देश के हर कोने देवी मां के जयकारों की गूंज सुनाई देती है। शारदीय नवरात्रि हो, चैत्र या गुप्त नवरात्रि माता दुर्गा के भक्तों को इनकी पूजा करने का बहाना चाहिए। साल में आने वाले शारदीय नवरात्रि, चैत्र एवं गुप्त नवरात्रि  में से कोई भी भक्त इन्हें प्रसन्न करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। लेकिन इस साल यानि 2020 के पहले गुप्त नवरात्रे को भक्त मां को प्रसन्न और भी ज्यादा मेहनत करने वाले हैं। क्योंकि माना जा रहा है इस बार के गुप्त नवरात्रि पर कुछ ग्रहों का शुभ योग बन रहा है। बता दें शास्त्रों के मुताबिक देवी मां के इन नवरात्रों में तांत्रिक और साधक गुप्त रूप से महाविद्याओं की पूजा करते हैं। मान्यता है इससे उन्हें तांत्रिक शक्तियां प्राप्त होते हैं। ज्योतिष गणना की मानं तो माघ मास में पड़ रहे इस बार के गुप्त नवरात्रे अपने साथ ढेरों लाभ लाएं हैं क्योंकि इस नवरात्रि पर लगभग 175 साल बाद ग्रहों का ऐसा संयोग बन रहा है, जिससे इसकी खासियत बढ़ जाती है। ज्योतिष विद्ववानों के बताए अनुसार बहुत सालों बाद ऐसा हो रहा है जब मकर राशि में शनि, सूर्य तथा बुध एक साथ विराजमान हैं। 

यहां जानें इससे जुड़ी अन्य जानकारी-
बता दें ठीक 1 दिन पहले यानि 24 जनवरी, 2020 को इस साल का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन हुआ जो है शनि परिवर्तन। जिस दौरान शनि ने अपने पिता के घर  यानि मकर राशि में एंट्री ली है। जहां पहले सूर्य तथा बुध विराजमान हैं। गुप्त नवरात्रि से बिल्कुल एक दिन पहले शनि का गोचर लगा अपनी स्वराशि मकर में हुआ है। बताया जा रहा है पहले शनि धनु राशि में थे। इस दौरान मंगल अपनी राशि वृश्चिक में रहेंगे तो वहीं गुरु पहले से ही अपनी स्वराशि धनु में स्थित है। जिस कारण ऐसा माना जा रहा है कि इस साल की गुप्त नवरात्रि खास है क्योंकि इस अद्भुत संयोग के दौरान एक साथ चारों ग्रह शनि, चंद्र, सूर्य और बुध मकर राशि में रहने वाले हैं।

तांत्रिकों के लिए अधिक खास है गुप्त नवरात्रि- 
यूं तो शारदीय नवरात्रि हो या गुप्त नवरात्रि दोनों ही हिंदू धर्म के लोगों के लिए खास मानी जाती हैं। परंतु अगर बात गुप्त नवरात्रि की हो तो ये साधकों और तांत्रिकों के लिए अधिक महत्व रखती हैं। क्योंकि इस दौरान देवी मां की 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है, जिनकी पूजा से तांत्रिक शक्तियां हासिल होती हैं। यही कारण है कि तमाम तंत्र शक्ति के ज्ञाता साधु संत इस दौरान मां की गुप्त तरीके से अर्चना करते हैं ताकि देवी मां के आशीर्वाद से उन्हें शक्तियां प्राप्त कर हो सके। बता दें गुप्त नवरात्रि में महाविद्या के जिन स्वरूपों की पूजा की जाती हैं उनके नाम हैं- मां काली, तारा देवी, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी।

Jyoti

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