Gupt Navratri 2020: अष्टमी तिथि के दिन इस तरह महागौरी को प्रसन्न

Sunday, Feb 02, 2020 - 04:23 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन महागौरी की पूजा का विधान है। बता दें वैसे गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की सात्विक तथा तांत्रिक दोनों रूप से पूजा की जाती है। मान्यताओं की मानें तो माघ माह का पूरा माह ही बहुत शुभ होता है। उसके ऊपर से नवरात्रि का पर्व इसको और अधिक शुभ बना देता है। बता दें इस दौरान अष्टमी तिथि को गुप्त नवरात्रि का 8वां दिन है, जिस दिन माता गौरी का पूजन करने का विधान है। आइए जानते हैं महागौरी से जुड़ी कुछ खास बातें- 

दुर्गा सप्तशती के अनुसार, अपने तेज़ से संपूर्ण विश्व में प्रकाश फैलानी वाली माता महागौरी के अंश से कौशिकी का जन्म हुआ, जिन्होंने शुंभ और निशुंभ का अंत किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार महगौरी को भगवान शिव की पत्नी शांभवी माना जाता है। कहा जाता है देवी पार्वती तपस्या के कारण श्याम रंग की हो गई थी जिसक बाद भगवान शिव ने उन्हें गंगा में स्नान करवाकर गौर वर्ण का वरदान दिया था। जिस कारण देवी गौर वर्ण की हो जाती हैं। माना जाता है कि महागौरी के पूजन से रोगों का नाश होता है और दांपत्य जीवन सुखी रहता है।

यहां जानें इन्हें प्रसन्न करने की विधि-
गुप्त नवरात्रि के अष्टमी के दिन दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुखी होकर सफ़ेद कपड़े पर महागौरी का चित्र स्थापित करके पूजन करना चाहिए। इस दिन कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है, कुछ लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं। इसके अलावा इनके बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए।

इस दिन माता दुर्गा को नारियल का भोग लगाएं और नारियल का दान भी करें। 

मां महागौरी उपासना इस मंत्र से की जाती है: 

श्वेते वृषे समारुढ़ा, श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरीं शुभं दद्यान्महादेवप्रमोदया।। 

इसके अलावा अष्टमी के दिन किया गया कन्या पूजन मां महागौरी को प्रसन्न करता है। गुप्त नवरात्रि में विशेषकर शास्त्रीय पद्धति से पूजा की जाती है। 

अष्टमी के दिन प्रतिमा को शुद्ध जल से स्नान कराकर वस्त्राभूषणों द्वारा श्रृंगार किया जाता है और फिर विधिपूर्वक आराधना की जाती है। हवन की अग्नि में धूप, कपूर, घी, गुग्गल और हवन सामग्री की आहुतियां दी जाती है।

 

Jyoti

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