30 जून से शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्रि, जरूर जानें ये ज़रूरी बातें

Saturday, Jun 25, 2022 - 01:41 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारें में तो हर कोई जानता है। लेकिन आपको बता दें इसके अलावा भी साल में 2 बार नवरात्रि मनाई जाती हैं जिसे गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। जो कि माघ और आषाढ़ के महीने में मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के उपासक गुप्त तरीके से पूजा उपासना करते हैं। आषाढ़ माह में पड़ने वाले गुप्त नवरात्रि का प्रारम्भ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। इस साल 2022 में पहली गुप्त नवरात्रि का प्रारम्भ 30 जून से शुरू होगा, जिसका समापन 8 जुलाई को होगा। बता दें इसी दिन से ही 2 साल बाद अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने जा रही है। इसके अलावा इस बार गुप्त नवरात्रि पर शुभ संयोग भी पड़ रहा है। तो आइए जानते हैं 30 जून को शुरू होने वाली गुप्त नवरात्रि के शुभ मुहूर्त, शुभ संयोग व घट स्थापना के बारें में-

सबसे पहले आपको बता दें, गुप्त नवरात्रि का शुभ मुहूर्त। गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून को हो रही है। इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर 06 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस समय पर की गई घटस्थापना शुभ फल देती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन यानि 30 जून को विशेष संयोग बन रहा है। जिस वजह से इस दिन की गई पूजा का फल शुभ रहने वाला है। बता दें, इस दिन एक साथ गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, अडाल योग और विडाल योग बन रहे हैं। साथ ही पुष्य नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है। एक साथ इतने शुभ मुहूर्त बनना बेहद शुभ होता है।. इस शुभ मुहूर्त में यदि आप कोई भी कार्य शुरू करते हैं तो उसमें अवश्य सफलता मिलती है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना भी शारदीय नवरात्रि की तरह ही की जाती है। आषाढ़ नवरात्रि के 9 दिनों में सुबह और शाम मां दुर्गा की पूजा-आरती जाती है। साथ ही इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। माता को बाताशे और लौंग का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा पूजा के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाता है।

आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में आपको प्रातः काल स्नान करने के बाद मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करते हुए मां दुर्गा के विशेष मंत्र- 

'विधेहि देवि कल्याणं विधेहि विपुलां श्रियम् रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि' का जाप करना चाहिए।

जीवन में सुख, समृद्धि, धन, यश या किसी मनोकामना की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि के दौरान रोज सुबह स्नान के बाद 'ते सम्मता जनपदेषु धनानि तेषां तेषां यशांसि न च सीदति धर्मवर्ग धन्यास्त एव निभृतात्मजभृत्यदारा येषां सदाभ्युदयदा भवती प्रसन्ना' मंत्र का जाप करें।

ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि अगर इस विधि से अगर मां का पूजन करते हैं तो आपको हर काम में सफलता मिलती है।


 

Jyoti

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