142 साल पहले से लगातार हो रही है यह यात्रा, अब कोरोना के चलते लगी रोक
Sunday, Jun 21, 2020 - 02:42 PM (IST)
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कोरोना के चलते जहां एक तरफ़ भक्तों मंदिर जाने के लिए कई तरह के नियमों आदि का पालन करना पड़ रहा है। तो वहीं अभी भी देश के कई क्षेत्र में ऐसे कई मंदिर ऐसे भी हैं जो श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोले गए। जिन मंदिरों को खोला गया है वहां भी पूजा-अर्चना के नियमों में हुए बदलाव से भक्त परेशान हैं, क्योंकि इन नियमों के अनुसार न तो लोग अपने भगवान को छू सकते हैं न ही उन्हें किसी भी प्रकार की कोई वस्तु भेंट कर सकते हैं। अभी जहां भक्त इस बात से परेशान ही नज़र आ रहे थे, कि इसी बीच रथ यात्रा से जुड़ी ऐसी बात सामने आ गई है, जिससे भक्त और ज्यादा निराश हो गए हैं। जी हां, पहले 18 जून को होने स्थागित की गई रथ यात्रा अब 23 जून को भी नहीं होगी। जी हां, गुजरात हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के फैलते संक्रमण के मद्देनज़र अहमादाबाद में होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रोक लगा दी है।
बता दें यात्रा पर रोक लगाए जाने की अपील को लेकर यह याचिका शनिवार सुबह ही दाखिल की गई, जिस पर शाम को सुनवाई हुई। खबरों की मानें तो चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेबी पारडीवाला की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। उन्होंने बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पुरी में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा पर रोक लगा सकता है तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। बेंच ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए रथयात्रा फिलहाल शहर में नहीं निकल सकती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अहमदाबाद में होने वाली जगन्नाथ रथयात्रा में न के देशभर में बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालु शामिल होने आते हैं। पुरी जगन्नाथ रथयात्रा के बाद अहमदाबाद में होने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा है। यह 23 जून से शुरू होने वाली थी।
142 सालों बाद रुकी है रथयात्रा-
बताया जा रहा है अगर इस साल रथ यात्रा पर रोक न लगाई जाती तो इस बार 143वीं रथयात्रा होती। प्रत्येक वर्ष जमालपुर क्षेत्र में ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर से शुरू होती है। मगर मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र में यह इलाका हॉटस्पाट बना हुआ है। जिस कारण रथ यात्रा निकालनी संभव नहीं है। बता दें यह रथ यात्रा महोत्सव 10-12 दिन चलता है।
18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने पुरी जगन्नाथ रथयात्रा रोकी थी-
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में 23 जून से शुरू होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर गुरुवार को रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा था कि अगर कोरोना के बीच हमने इस साल रथयात्रा की इजाजत दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें बड़ी तादाद में भीड़ आती हो। लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए।