Gotmar Mela 2021: परंपरा के नाम पर होता है ‘पत्थरबाजी’ का खूनी खेल

Monday, Sep 13, 2021 - 11:23 AM (IST)

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Gotmar Mela 2021: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हाल ही में पोला त्यौहार के बाद पारम्परिक गोटमार मेले का आयोजन किया गया। तमाम प्रतिबंधों के बावजूद जिले के पांढुरणा ब्लाक में आयोजित होने वाले इस खतरनाक खेल में 338 लोग घायल हो गए। हालांकि, घायलों का प्रशासनिक आंकड़ा 38 बताया जा रहा है जिसमें से एक को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए नागपुर भेजा गया।

जिला प्रशासन ने पहले ही एहतियाती कदम उठा रखे थे। मेला स्थल पर डॉक्टरों और एम्बुलैंस का इंतजाम था। इलाके में धारा 144 भी लगाई गई थी। बावजूद इसके पांढुरणा और सांवर गांव के लोगों ने एक-दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाए। गौरतलब है कि यहां बरसों पुरानी परम्परा को हर साल दोहराया जाता है। जाम नदी के दोनों किनारों पर बसे इन गावों के लोग नदी के बीच में पहले एक झंडा लगाते हैं फिर इस झंडे को पाने के लिए दोनों ओर से जम कर पत्थर युद्ध होता है। प्रशासन की सख्ती के बाद भी दोनों ओर के लोग ट्राली भर-भरकर पत्थर जमा करते हैं।

इस खूनी खेल के पीछे किवदंती है कि सांवरगांव की एक लड़की को पांढुरणा के लड़के से प्रेम हो गया था। दोनों ने चुपचाप शादी कर ली लेकिन जब इस बात की जानकारी गांव वालों को लगी तो वे इस जोड़े के विरोध में उतर आए और नदी पार कर रहे युगल पर सांवरगांव की तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। जवाब में पांढुरणा वालों ने भी पत्थर चलाए, जिससे लड़की और लड़के की मौत हो गई।

तब से इसे परम्परा बना दिया गया और करीब 300 सालों से इसे ऐसे ही युद्दोन्माद से निभाया जाता है। हालांकि, कुछ लोग इसे सिर्फ कहानी मानते हैं।

प्रशासन ने कई बार गोटमार में पत्थर की जगह गेंद के इस्तेमाल की पहल की लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं हुआ। हर साल यह खेल खेला जाता है और बड़ी संख्या में लोग इसमें घायल होते हैं।

देश में अपनी तरह के अनोखे लेकिन बेहद खतरनाक खेल को खेलने और देखने भी बड़ी तादाद में लोग पहुंचते हैं।

Niyati Bhandari

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