Gopashtami 2020: इस एक काम से बदल सकती है आपकी किस्मत!

Sunday, Nov 22, 2020 - 11:54 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
धार्मिक शास्त्रों में प्रत्येक धर्म कर्म के कार्य से जुड़े नियमों आदि के बारे में बताया गया है। तो वहीं इसमें लगभग हर त्यौहार से जुड़ी जानकारी भी वर्णित है कि जैसे किस पर्व क्या करना चाहिए, क्या नहीं। आज 22 नवंबर, 2020 रविवार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन देशभर के लगभग हिस्सों में गोपाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस पर्व को सनातन धर्म में अत्यंत खास माना जाता है। आज हम आपको इसी पर्व से जुड़े कुछ बातें बताने जा रही हैं, जिनका वर्णन धार्मिक शास्त्रों में बहुत अच्छे से किया गया है। इसमें किए उल्लेख के मुताबिक इन बातों को जानना हर किसी के लिए बेहद ज़रूरी होता है। तो चलिए देर न करते हुए आपको बताते हैं कि कौन सी हैं वो काम की बातें।

बता दें वास्तु के अनुसार भी गाय माता की पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। बल्कि इसमें तमाम तरह के पशु-पक्षियों से जुड़ी ऐसे कई उपाय भी बताए गए हैं जिन्हें करने से जातक को कई तरह के लाभ होते हैं। 

जैसे कि हमने आपको अन्य आर्टिकल में तो ये जानकारी दे ही दी है। कि इस दिन स्वयं स्नान आदि करने के बाद गाय माता को भी स्नान आदि करवाना चाहिए। इसके अलावा इनका अपने सामर्थ्य के अनुसार श्रृंगार आदि करना चाहिए।  

इसके बाद इनकी श्रद्धापूर्वक से परिक्रमा करनी चाहिए। इन्हें इस दिन कुछ समय के लिए बाहर ज़रूर लेकर जाना चाहिए। 

ग्वालों को दान आदि करें और जब गाय वापिस लौट आएं, तब दोबारा से उनकी विधि वित पूजा करें। 

इस दिन इन्हीं हरा चारा, हरा मटर एवं गुड़ भी ज़रूर खिलाएं। 

बता दें जिन लोगों के घर में गाय न हो, वो इस दिन गौशाला में जाकर विधि वत पूजा-अर्चना कर सकते हैं। 

धार्मिक शास्त्रो में गोपाष्टमी के दिन गाय के नीचे से निकलना बेहद शुभ माना जाता है। 

तो वहीं सनातन धर्म के पुराणों में वर्णन मिलता है कि चूंकि इनमें 33 करोड़ देवी देवता है वास होता है, और इन्हें माता का दर्जा प्राप्त है, इसलिए इनके पूजन से समस्त देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। 

कुछ जगहों पर इस शुभ अवसर पर गौशाला में गो संवर्धन हेतु गौ पूजा का कार्यक्रम भी करवाए जाते हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को गौशाला में यथाशक्ति दक्षिणा, भोजन या अन्य वस्तुओं का दान करना चाहिए। 

 

Jyoti

Advertising