सोमवार का गुडलक: मुकदमों में पाएं विजय का वरदान

Monday, Apr 23, 2018 - 07:16 AM (IST)

सोमवार दिनांक 23.04.18 को वैसाख शुक्ल अष्टमी पर बगलामुखी जयंती का पर्व मनाया जाएगा। देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या हैं। इनका रंग हल्दी के समान पीला होने से इन्हें पीतांबरा भी कहते हैं। ये स्तंभन की देवी हैं। बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ है दुलहन है अत: इनके अलौकिक सौंदर्य व स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें यह नाम प्राप्त है। द्वी भुजी देवी के दाहिने हाथ में गदा है, जबकि बाएं हाथ के साथ उन्होंने दैत्य की जीभ बाहर खींच रखी है। 


बगलामुखी देवी रत्नजड़ित सिहांसन पर विराजती हैं। हल्दी रंग के जल से इनका प्रकट होना बताया जाता है। देवी बगलामुखी का वर्ण पीला है। रुद्रमाल तंत्र अनुसार माता बगलामुखी शिव की अर्धांगिनी हैं तथा पीत वरण (पीले रूप) में इन्हें बगलामुखी और भगवान शंकर को बाग्लेश्वर कहा जाता है। 


इनका बीज मंत्र है "ह्लीँ" इसी बीज से देवी दुश्मनों का पतन करती हैं। देवी बगलामुखी की साधना को दुशमनों का सफाया करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। 


देवी उपासना के फलस्वरूप शत्रुओं की बोलती बंद कर देती हैं जिससे वो भक्तों के विरूद्ध कुछ बोल नही पाते। देवी बगलामुखी दुश्मनों की सोचने विचरने की शक्ति का भी हनन कर देती हैं जिससे विरोधी भक्तों के बारे मे कोई षडयंत्र भी नहीं रच पाते। मां बगलामुखी का यंत्र मुकदमों में सफलता तथा सभी प्रकार की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ऐसा शास्त्रों में वर्णन है कि इस यंत्र में इतनी क्षमता है कि यह भयंकर तूफान से भी टक्कर लेने में समर्थ रखता है। देवी बगलामुखी की साधना से शारीरिक सुरक्षा मिलती है, मुकदमों में जीत मिलती है व पारिवारिक क्लेश समाप्त होते हैं। 


विशेष पूजन: घर की उत्तर दिशा में पीले वस्त्र पर देवी बगलामुखी का चित्र स्थापित करके देवी का विधिवत पूजन करें। घी में हल्दी मिलाकर दीपक करें, चंदन से धूप करें, हल्दी चढ़ाएं, दूध-शहद का भोग लगाएं, पीले फूल चढ़ाएं, बेसन के लड्डू का भोग लगाकर 108 बार विशिष्ट मंत्र का जाप करें। इसके बाद भोग गरीबों में बाटें।

पूजन मंत्र: मंत्र: ॐ ह्लीँ बगलामुखी सर्वदुष्टानाम् वाचम् मुखम् पदम् स्तंभय जिह्ववाम् कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीँ फट स्वाहा।

आज का शुशाशुभ
अमृत वेला - शाम 16:30 से शाम 18:00 तक। 
गुलिक काल - दिन 13:30 से दिन 15:00 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:36 से दिन 12:24 तक।
राहु काल - सुबह 07:30 से सुबह 9:00 तक।
यमगंड काल - सुबह 10:30 से दिन 12:00 तक। 


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल पूर्व व राहुकाल वास वायव्य में है। अतः पूर्व व वायव्य दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान

आज का गुडलक कलर: कुंद।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण-पूर्व।
आज का गुडलक मंत्र: ह्लीँ बगलापरमेश्वर्यै नमः॥
आज का गुडलक टाइम: शाम 18:30 से शाम 19:30 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: शारीरिक सुरक्षा हेतु देवी बगलामुखी पर चढ़ी चना दाल 8 ब्राहमणों को दान करें।

आज का एनिवर्सरी गुडलक: पारिवारिक क्लेश के मुक्ति हेतु बगलामुखी के चित्र पर पीले कनेर के फूल चढाएं।

गुडलक महागुरु का महा टोटका: मुकदमों में जीत के लिए मौली में 8 नींबू पिरोकर देवी बगलामुखी के चित्र पर माला चढाएं। 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

Aacharya Kamal Nandlal

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