Kundli Tv- आज तक नहीं पता चल पाया गोबर गणेश मंदिर का रहस्य

Wednesday, Jul 04, 2018 - 03:18 PM (IST)

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भारत देश में बहुत से एेसे प्राचीन मंदिर विख्यात हैं जिनका इतिहास आज भी याद किया जाता है और जहां लोगों की बहुत आस्था भी है। उन्हीं में से एक मंदिर  मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा में स्थित है। यहां गोबर गणेश की प्रतिमा सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान गणेश किसी को भी अपने स्थान से निराश नहीं जाने देते। 

वैसे तो नलखेड़ा में मां बगलामुखी का प्राचीन मंदिर स्थापित होने के कारण ये नगर अति प्रसिद्ध है। लेकिन इस नगर के चौराहे पर स्थित गणेश मंदिर भी इस नगर की पहचान कहलाता है। परिसर में इनकी 10 फुट ऊंची प्रतिमा का अलग ही रुप से दर्शन करने को मिलते हैं।   



स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रतिमा की स्‍थापना के विषय में किसी को कोई जानकारी नहीं है लेकिन इसे देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ये 500 वर्ष से अधिक पुरानी गोबर से तैयार की गई प्रतिमा है। गणेश जी के हर श्री स्वरूप की तरह इस परिसर की प्रतिमा में भी गणेश जी के हाथ में लड्‍डू हैं, और उनके साथ रिद्धि-सिद्धि विराजित हैं। वहीं गणपति की सवारी मूषक भी इनके चरणों में है। इसकी प्राचीनता व प्रसिद्धि के चलते प्रदेश सरकार द्वारा मंदिर को धार्मिक स्थलों में शामिल किया गया है। 



गणेश चतुर्थी के दिन भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है। इस विशेष दिन में अलग ही तरीके से भगवान का श्रृंगार किया जाता है। जिसे देखकर हर किसी का मन प्रसन्न हो जाता है। 

कमल के फूल पर स्थापित गजानन की ये प्रतिमा श्रृंगार होने के बाद ओर भी मनमोहक लगने लगती हैं। इस मंदिर के बारे में भक्तों को कहना है कि गणेश जी के दर पर आने वाले किसी भी भक्त को निराश नहीं करते और उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। 

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Jyoti

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