Geeta Jayanti 2019: श्रीमद्भगवद्गीता से जुड़ी ये बातें नहीं जानते होंगे आप

Saturday, Dec 07, 2019 - 12:14 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कहते हैं कि अगर किसी के जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी चल रही हो तो श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करने से वे दूर हो जाती है। श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान का अद्भुत भंडार है। अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में इसे उतार ले तो उसका जीवन निखर सकता है। गीता कहती है कि जीवन रोने के लिए नहीं, भाग जाने के लिए नहीं है, हंसने और खेलने के लिए हैं। किसी भी परेशानी का समाधान सिर्फ और सिर्फ गीता में ही है। इस बात को जो व्यक्ति समझ लेता है, उसके सारे दुख व परेशानियां दूर हो जाती हैं। गीता में भगवान ने कहा है कि धैर्य के बिना अज्ञान, दुख, मोह, क्रोध, काम और लोभ से निवृत्ति नहीं मिलेगी। इसके साथ ही आज हम आपको गीता में से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता एक दिव्य ग्रंथ है। यह हमें पलायन से पुरुषार्थ की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है।

गीता जयंती मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को मनाई जाती है और इसी दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाता है।

श्रीमद्भगवद्‌गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रंथों में से एक है। गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है।

श्रीमद्भगवद्गीता की पृष्ठभूमि महाभारत का युद्ध है। इसके 18 अध्याय हैं और महाभारत का युद्ध भी 18 दिन ही चला था।

अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था।

गीता में कर्तव्य को ही धर्म कहा गया है। भगवान कहते हैं कि अपने कर्तव्य को पूरा करने में कभी भी लाभ-हानि का विचार नहीं करना चाहिए।

भगवान ने अर्जुन को निमित्त बनाकर, गीता के ज्ञान द्वारा विश्व के मानव को पुरुषार्थ करने की प्रेरणा दी है।

गीता केवल धर्म ग्रंथ ही नहीं यह एक अनुपम जीवन ग्रंथ है। जीवन उत्थान के लिए इसका स्वाध्याय हर व्यक्ति को करना चाहिए।

गीता के 700 श्लोकों में हर उस समस्या का समाधान है, जो हर इंसान के सामने कभी न कभी आती हैं।

Lata

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