Gautam Buddha story: जब गौतम बुद्ध को हुआ अपनी भूल का एहसास

Saturday, Nov 12, 2022 - 09:12 AM (IST)

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When Gautam Buddha realized his mistake: वैराग्य होने के पश्चात गौतम बुद्ध ने कई वर्ष तक जंगल में रहकर बड़ा कठोर तप किया। वहां उनका आहार लगभग बंद ही हो गया था। इससे शरीर सूखकर अस्थि-चर्म मात्र रह गया था। पर इतने पर भी आत्मज्ञान नहीं हुआ और इससे उनका चित भ्रमित रहता था।

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एक  दिन  गौतम  के  तपस्या  स्थान के पास से होकर नगर की कुछ गायिकाएं निकलीं।  वे मार्ग में एक गीत गाती हुई चली जा रही थीं, जिसका आशय था कि वीणा के तारों को ढीला मत छोड़ो, अन्यथा उनसे मधुर स्वर नहीं निकलेगा। पर उनको इतना खींचो भी मत कि वे टूट जाएं।

इस गीत की ध्वनि गौतम के कान में पड़ी तो अकस्मात उनको अपनी भूल का पता लग गया। सुफल प्राप्त करने के लिए अत्यधिक कष्टपूर्ण तपस्या उचित नहीं, वरन संयमित आहार, विश्राम, निद्रा आदि का जीवनयापन करने से ही साधना पूरी हो सकना संभव है। चाहे सांसारिक लक्ष्य हो और चाहे आध्यात्मिक, सफलता के लिए मध्यम मार्ग का अनुसरण करना ही उचित है।

Niyati Bhandari

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