Ganpati Pandal: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हैं भारत के प्रसिद्ध गणपति पंडाल !

punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 07:36 AM (IST)

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Ganpati Pandal 2025: गणेशोत्सव का आरंभ बप्पा की मूर्ति स्थापना से होता है, विसर्जित करने पर समाप्त होता है। 10 दिन तक यह उत्सव बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हर वर्ष हिन्दू पंचाग के अनुसार इस पर्व की तिथि तय होती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। वर्ष 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार से आरंभ हुई थी और 10 दिन बाद 6 सितंबर को विसर्जन पर विश्राम होगा। इस दौरान बहुत से प्रसिद्ध पंडाल लगते हैं। जानते हैं, भारत के प्रसिद्ध गणपति पंडालों के बारे में-

Ganpati Pandal

Lalbagh ke Raja Mumbai लालबाग के राजा, मुंबई
महानगरी मुंबई में जीडी गोयनका रोड पर लालबाग बाजार में सबसे प्रसिद्ध गणेश पंडाल सजता है। इस पंडाल का नाम ‘लालबाग चा राजा’ है। इस पंडाल में गणपति की भव्य प्रतिमा स्थापित होती है, जिसे लालबाग के राजा कहा जाता है। 1934 से ही यहां गणपति स्थापना हो रही है। यहां विराजमान गणेश जी को ‘मन्नतों का गणपति’ भी माना जाता है। गणेश उत्सव के दौरान इस पंडाल में कई सैलीब्रिटी भी पूजा के लिए आते हैं।

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Andhericha Raja Mumbai अंधेरीचा राजा, मुंबई
मुंबई में सबसे भव्य पंडाल सजते हैं। इसमें से एक अंधेरीचा राजा के नाम से मशहूर है। इस गणपति पंडाल का आयोजन 1966 से हो रहा है। 10 दिवसीय उत्सव में यहां कई मशहूर हस्तियां शामिल होती हैं। अंधेरीचा राजा का गणपति पंडाल अपनी मन मुग्ध कर देने वाली सजावट के लिए प्रसिद्ध है। यहां के गणेश पंडाल की खासियत है इसकी आधुनिक और क्रिएटिव थीम, जिसमें हर साल अलग संदेश छुपा होता है। कभी यहां ऐतिहासिक धरोहर दिखाई जाती है, तो कभी सामाजिक मुद्दों को दर्शाने वाली झांकी। इस पंडाल का माहौल भक्तों को सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अनुभव भी कराता है।

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Mumbaicha Raja Ganesh Gali मुंबईचा राजा, गणेश गली
गणपति उत्सव में मुंबई के गणेश गली व लेन में ‘मुंबईचा राजा’ विराजमान होते हैं। लालबाग चा राजा पंडाल से कुछ ही दूरी पर स्थित यह शहर के सबसे प्रसिद्ध पंडालों में से है। 1928 में पहली बार यहां मिल श्रमिकों ने गणपति पूजा की और उत्सव मनाया था। उसके बाद से हर साल गणेश गली में एक खास थीम के साथ मुंबईचा राजा के लिए गणपति उत्सव का पंडाल सजता है।

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Kasba Ganpati Pune कस्बा गणपति, पुणे
पुणे का कस्बा गणपति खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे पुणे शहर का ग्राम देवता माना जाता है। यह पंडाल पुणे के कस्बा पेठ में स्थित है और यहां की स्थापना शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई ने की थी। कस्बा गणपति मंडल का गणेशोत्सव पुणे की परंपरा और संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यहां की पूजा विधि और माहौल में पुरानी परंपराओं की झलक मिलती है।

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Tulsibag Ganpati Pune तुलसीबाग गणपति, पुणे
लक्ष्मी रोड का गणेश जी का यह दरबार जितना खूबसूरत है, उतनी ही खूबसूरती से इसे सजाया जाता है। यहां मंत्रों, वैदिक भजनों और भक्तिमय गीतों के बीच प्रथम पूज्य श्रीगणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। 10 दिनों तक चलने वाले महोत्सव में गणेश जी की पूजा, आरती, प्रसाद के साथ दूसरे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां गणपति जी का दर्शन करने पूरे भारत से लोग आते हैं। महाराष्ट्र के लोग यहां हर दिन बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी की विदाई देखते ही बनती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां गणेश जी की प्रतिमा के लिए 10 किलो सोना और 20 किलो चांदी के आभूषण बनवाए गए हैं। इस मंडल की सबसे खास बात यह है कि इस मंडल के सदस्य और कार्यकर्ता अपने खर्चे पर गणेशोत्सव करवाते हैं।

 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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