Ganga Saptami 2022: ज़रूर करें ये काम, मिलेगा फायदा ही फायदा

Saturday, May 07, 2022 - 05:50 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल की सप्तमी तिथि को मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में विराजमान हुई थीं। इसलिए ये दिन गंगा संप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार गंगा सप्तमी रविवार, 08 मई को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा का अवतरण हुआ था। ऋषि भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा धरती पर आई थी। इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से भक्तों के पाप कर्मों का नाश होता है।

तो आइए आपको धन से जुड़े कुछ ऐसे उपायों से रूबरू करवाते हैं जिन्हें आप घर बैठेकर भी कर सकते हैं तो आईए जानते हैं-   
मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा में डुबकी लगाने से जाने-अंजाने किए गए सभी पाप धुल जाते हैं। अगर आप गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं तो आप घर में ही किसी बाल्टी या टब में सामान्य जल भरकर उसमें थोड़ा सा गंगा जल मिक्स कर लें, फिर स्नान करें। स्नान के दौरान मन में हर हर गंगे बोलते रहें। इससे भी आपको गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त होगा। साथ ही आपको मां गंगा से निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त होगा। मान्यता है कि गंगा मैया के पावन जल के छींटे मात्र शरीर पर पड़ने से जन्म-जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं। 

यदि घर में आर्थिक संकट है तो गंगा सप्तमी के दिन सुबह या शाम किसी भी समय चांदी या स्टील के लोटे में गंगाजल भरकर उसमें पांच बेलपत्र डालें। इसके बाद घर से नंगे पैर शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर एक धारा से ये जल डालें और मन में “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते रहें। इसके बाद महादेव को बेलपत्र अर्पित करें और उनसे घर के आर्थिक संकट को दूर करने की प्रार्थना करें। ऐसा करने से धन आगमन के रास्ते खुलने लगते हैं।

अगले उपाय के तौर पर गंगा सप्तमी के दिन सुबह एवं शाम के समय गंगाजल मिले जल से स्नान करने के बाद अपने घर के पूजा स्थल पर एक कटोरी में थोड़ा सा गंगाजल रखें। अब उसी गंगाजल के बीच में गाय के घी का एक दीपक दो बत्ती वाला जलाएं और विधिवत गंगाजल का विधिवत पूजन करें। गंगा मैया की कृपा से सभी कामनाएं पूरी होगी।

इस दिन अपने सभी तरह के दुखों एवं पापों से मुक्ति पाने के लिए अपने ऊपर से 7 लाल मिर्ची बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान-सम्मान और यश पाने के लिए स्नान के बाद मां गंगा की पूजा करें। पूजा के लिए एक चौकी पर मां गंगा की प्रतिमा रखें और महादेव और माता पार्वती की प्रतिमा भी रखें। अगर मां गंगा की तस्वीर न हो तो महादेव की तस्वीर रखकर भी पूजा की जा सकती है। इसके बाद भगवान को चंदन, पुष्प, प्रसाद, अक्षत, दक्षिणा आदि अर्पित करें। इसके बाद 108 बार “ॐ नमः शिवाय” जपें। फिर श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम का पाठ करें और “ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद आरती करें और अपने द्वारा जाने-अंजाने किए गए पापों के लिए क्षमा याचना करें।

Jyoti

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