गंगा दशहरा 2019ः इस दिन पूजन, दान और डुबकी का है खास महत्व

Tuesday, Jun 11, 2019 - 05:29 PM (IST)

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हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है, जोकि इस बार कल यानि 12 जून को पड़ रहा है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है। इसलिए इस दिन दान-पुण्य और स्नान किया जाता है। पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, बुधवार के दिन, हस्त नक्षत्र में गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी। इस पवित्र नदी में स्नान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। इस दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। इसलिए इसे गंगा दशहरे के नाम से जाना जाता है।  

कहते हैं कि इस दिन गंगा के केवल दर्शन करने से ही व्यक्ति को हर पाप से मुक्ति मिलती है। तो वहीं गंगा जल के स्पर्श से ही स्वर्ग की प्राप्ति होती है। पाठ, यज्ञ, मंत्र, होम और देवदर्शन आदि समस्त शुभ कर्मों से भी जीव को वह गति नहीं मिलती, जो गंगाजल के स्पर्श मात्र से ही प्राप्त होती है। स्कंदपुराण के अनुसार गंगा दशहरे के दिन व्यक्ति को किसी भी पवित्र नदी पर जाकर स्नान, ध्यान तथा दान करना चाहिए। अगर किसी कारण कोई व्यक्ति गंगा में स्नान नहीं कर पाता तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर ही गंगा मां का स्मरण करते हुए स्नान करना चाहिए। इसी से उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। 

शास्त्रों के अनुसार इस पावन दिन गंगा में स्नान, पूजन और उपवास करने वाला व्यक्ति दस प्रकार के पापों से छूट जाता है। इनमें से तीन प्रकार के दैहिक, चार वाणी के द्वारा किए हुए एवं तीन मानसिक पाप, ये सभी गंगा दशहरा के दिन पतित पावनी गंगा स्नान से धुल जाते हैं। जब भी गंगा में स्नान करें तो इन स्वयं श्री नारायण द्वारा बताए गए इस मंत्र का जाप करें-''ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः'' इससे व्यक्ति को परम पुण्य की प्राप्ति होती है।

मान्यता के अनुसार गंगा दशहरे के दिन भक्तजन जिस भी वस्तु का दान करें, उनकी संख्या कम से कम दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें, उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए, ऐसा करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है। दक्षिणा भी दस ब्राह्मणों को देनी चाहिए। जब गंगा नदी में स्नान करें, तब दस बार डुबकी लगानी चाहिए। इस दिन स्नान के साथ-साथ व्यक्ति को दान अवश्य करना चाहिए, क्योंकि उससे व्यक्ति को दोगुना फल मिलता है। 

गंगा में स्नान करते समय इन बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है, जैसे कि गंगा में नहाते समय साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए और न ही वहां कपड़े धोने चाहिए। किसी भी तरह का कचरा उसमें नहीं फेंकना चाहिए। गंगा की जिम्मेदारी समझते हुए हर व्यक्ति को स्वच्छता का ख्याल रखना चहिए। 

Lata

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