Ganesh Utsav 2020: विघ्नहर्ता बप्पा को करना है खुश तो करें इन असरदारी मंत्र का जप

Tuesday, Aug 25, 2020 - 11:58 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म ग्रंथों में भगवान गणेश को बुद्धि और विवेक के दाता माना गया है। कहते हैं इनकी आराधान से व्यक्ति को विवेक, यश, प्रसिद्धि आदि बड़ी ही आसाना से प्रप्ता होती है। 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी के साथ गणेशोत्सव का प्रारंभ हो चुका है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूरे साल में गणेष चतुर्ती से लेकर अनंत चतुर्दशी तक का समय एकमात्र ऐसा समय होता है जब बप्पा अपने भक्तों के घर में जाकर उनके समाथ विराजमान होते हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक होता हैै कि इस दौरान गणपति जी की आराधना करते समय किसी प्रकार की भूल न हो और विधि वत इनकी पूजा की जाए। साथ ही साथ इस दौरान इनके किन मंत्रों का जप करना चाहिए, इस बारे में भी जानकारी का होना बहुत ज़रूरी है।

तो चलिए हम आपको बताते हैं कि गणेशोत्सव के बाकी बचे दिनों मे आपको किन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। 

ये हैं भगवान श्री गणेश के असरदारी मंत्र-

- गणपति बीज मंत्र- 'ग'
कहा जाता है इसके अलावा इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' का जप करने से सभी तरह की कामनाओं की पूर्ति होती है। षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है।

- ॐ वक्रतुंडाय हुम्‌
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मंत्र का जप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, पताशा, ताम्बुल, सुपारी होना चाहिए। यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है। कहा जाता है कि इस मंत्र में पवित्रता-अपवित्रता का विशेष बंधन नहीं है।

उच्छिष्ट गणपति का मंत्र- ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा

विघ्नराज आराधना मंत्र- गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:

हेरम्ब गणपत मंत्र- 'ॐ गंं नमः'

लक्ष्मी विनायक मंत्र-  ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र- ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

उपरोक्त मंत्रों के जप के अतिरिक्त गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशन गणेश स्तोत्र, गणेशकवच, संतान गणपति स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, मयूरेश स्तोत्र तथाा गणेश चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है। 

Jyoti

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