गणपति बप्पा हरेंगे आपके सभी कष्ट, ऐसे करें इनकी पूजा

Wednesday, Dec 09, 2020 - 12:40 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूं तो कहा जाता है भगवान का स्मरण करने के लिए या उनका ध्यान करने के लिए किसी खास मौके की आवश्यकता नहीं होती। परंतु ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर दिन वार को ध्यान में रखकर सनातन धर्म के देवी-देवताओं की पूजा की जाए पूजा आदि का दोगुना फल प्राप्त होता है। आज बुधवार के दिन गणेश जी का आराधना का दिन बताया गया है। मान्यता है वैसे तो जब भी बप्पा को प्रसन्न करने के लिए जातक प्रयास करते हैं, उन्हें उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। लेकिन जो जातक खास तौर पर बुधवार के दिन विधि वत तरीके से इनकी अर्चना करता है, उसे कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं आपको इस दिन कैसे इनकी पूजा करनी चाहिए साथ ही साथ बताएंगे इनकी पूजा से मिलने वाले लाभ तथा इन्हें समर्पित कुछ खास मंत्र-  

भगवान गणेश को अतिप्रिय है बुधवार का दिन। शीघ्र फलदायी होती है बुधवार की गणेश पूजा। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है।

बुधवार के दिन ऐसे करें गणपति की बप्पा की पूजा-
इस दिन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर घर के पूजा स्थल में पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके के आसन लगाकर, उस पर विराजमान हो जाएं।

अब अपने समक्ष श्री गणेश यंत्र की स्थापना कर, सभी सामग्री को एकत्रित कर पुष्प, धुप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल, चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित कर, गणेशजी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाकर विधिवत व श्रद्धापूर्वक इनकी आरती गाएं।

अंत में गणेश जी स्मरण करते हुए कर ॐ गं गणपतये नमः का 108 मंत्र का जप करें।

यहां जानें इनकी पूजा से होने वाले लाभ-

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस जातक के काम रोज़ाना की तारीख में बिगड़ते हों, उस निम्न मंत्र का जाप करने से लाभ होता है।

गणेश मंत्र-
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

अर्थात- इस मंत्र का मतलब है भगवान गणेश सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं। कम से कम 21 बार इस मंत्र का जप जरुर होना चाहिए।

इसके अलावा जिस व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार का ग्रह दोष और शत्रुओं से बचाव के लिए-

गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।

अर्थ- ये भगवान गणेश जी के बारह नाम है। इन नामों का जप उचित स्थान पर बैठकर किया जाए तो यह उत्तम फलदायी है। जब पूरी पूजा विधि हो जाए तो कम से कम 11 बार इन नामों का जप करना शुभ होता है।

Jyoti

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