अश्विन मास में अति फलदायी होती है भगवान गणेश की पूजा, इन मंत्रों का करना चाहिए जप

Saturday, Sep 12, 2020 - 07:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म में हर मास का अपना महत्व बताया गया है। तो वहीं साल में पड़ने वाले इन 12 महीनों को किसी न किसी देवता के साथ जोड़ा भी जाता है। अश्विन मास की बात कपरें तो इसमें गणेश जी की पूजा करने का अधिक महत्व बताया जाता है। अगर धार्मिक ग्रंथों व पुराणों की मान्यताओं की बात करें तो इसमें इन्हें महादेव से भी पहले पूजे जाने के बारे में लिखा है। बल्कि कथाओं के अनुसार देवों के देव महादेव ने ही अपने पुत्र गणेश जी को सर्वप्रथम पूजा जाने का आशीर्वाद दिया था। ऐसे में ये समझ किसी के लिए मुश्किल नहीं होगा कि इनक पूजा कितनी लाभदायक साबित हो सकती है।

फिर भी अगर आप नहीं जानते तो आपको बता दें कि गणपति बप्प को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि इनकी पूजा से कार्यों में आ रही समस्त बाधाएं व विघ्न दूर हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपको किसी कार्य में किसी प्रकार की बाधाएं आ रही हैं तो आपको बता दें आपके पास इन्हें प्रसन्न करने का मौका अभी भी है। जी हां, जो लोग सोच रहे हैं कि वो क्योंकि कलंक चतुर्थी दिवस निकल चुका है और उन्हें इनकी कृपा प्राप्त नहीं हुई तो बता दें कि आप मौज़दा चल रहे मास यानि अश्विन मास में इनके कुछ मंत्रों का जाप कर इनकी कृपा पा सकते हैं।

यहां जानें कौन से वो खास मंत्र- 
ॐ गं गणपतये नम:
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये,वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:॥
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा

इसके अलावा इस विधि से करें इनका पूजन-
इनकी पूजा के दौरान दूर्वा घास का प्रयोग ज़रूर करें। 
संभव हो तो संभव प्रतिदन या केवल बुधवार को गणेश जी पर दूर्वा घास ज़रूर चढ़ाएं।
चूंकि इन्हें मिष्ठान अधिक प्रिय है, इसलिए इन्हें पूजा के बाद किसी भोग अवश्य ज़रूर लगाएं।  


 

Jyoti

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