Ganesh Utsav: सायं 4 से 6 बजे के बीच करें ये जाप, बनेंगे सभी बिगड़े काम
Monday, Sep 02, 2019 - 08:51 AM (IST)
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आज सोमवार, 2 सितंबर के दिन शिव-पार्वती योग में गणेश उत्सव का आरंभ हुआ है। इसके अतिरिक्त एक अमृतसिद्धि, दो सर्वार्थ सिद्धि और छह रवि योग रहने वाले हैं। सोमवार भगवान शिव के प्रिय दिनों में से एक है और शुक्ल योग माता पार्वती को बहुत प्यारा है। कन्या राशि का चंद्रमा रहने जा रहा है। अन्य दिनों में बनेंगे ये शुभ योग-
आज और 3 सितंबर- रवि योग
4 सितंबर- अमृतसिद्धि और रवि योग
5 सितंबर- सर्वार्थ सिद्धियोग
6 सितंबर- रवि योग
8 सितंबर- सर्वार्थ सिद्धि योग
11 और 12 सितंबर- रवि रहेगा
हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक कलियुग में भगवान गणेश के धूम्रकेतु रूप की पूजा की जाती है। जिनकी दो भुजाएं है। किंतु मनोकामना सिद्धि के लिये बड़ी आस्था से भगवान गणेश का चार भुजाधारी स्वरूप पूजनीय है। जिनमें से एक हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में पाश, तीसरे हाथ में मोदक व चौथे में आशीर्वाद है। इनमें खासतौर पर श्री गणेश के हाथ में मोदक प्रतीक रूप में जीवन से जुड़े संदेश देता है।
ज्योतिषीय मापदंड के अनुरूप दूर्वा छाया गृह केतु को संबोधित करती है। गणपति जी धुम्रवर्ण गृह केतु के अधिष्ट देवता है तथा केतु गृह से पीड़ित जातकों को गणेशजी को 11 अथवा 21 दूर्वा का मुकुट बनाकर गणेश कि मूर्ति/प्रतिमा पर जातक गणेश चतुर्थी कि सायं 4 से 6 बजे के बीच सूर्यास्त पूर्व गणेश जी को अर्पित करना हितकारी रहता है।
इसी समय के दौरान बिगड़े काम बनाने के लिए गणेश चतुर्थी को गणेश मंत्र का स्मरण करें-
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
अर्थात भगवान गणेश आप सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं।
बप्पा के 12 नामों का जाप करें
ऊं गणाधिपतयै नम:, ऊं उमापुत्राय नम:, ऊं विघ्ननाशनाय नम:, ऊं विनायकाय नम:, ऊं ईशपुत्राय नम:, ऊं सर्वसिद्धप्रदाय नम:, ऊं एकदन्ताय नम:, ऊं इभवक्त्राय नम:, ऊं मूषकवाहनाय नम:, ऊं कुमारगुरवे नम:।