गणेश चतुर्थी : बप्पा आला रे, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न

Saturday, Aug 22, 2020 - 06:49 AM (IST)

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 Ganesh Chaturthi 2020: आज 22 अगस्त, शनिवार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इसे गणेश जी के जन्मदिन के रुप में संपूर्ण भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में तो गणेशोत्सव बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। माना जाता है की गणेश जी का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था। इस दौरान गणेश जी को अपने घर स्थापित करना उत्तम रहेगा। इस रोज़ गणपति बप्पा के लिए व्रत करने का भी विधान है। प्रत्येक हिन्दू को आज के शुभ दिन पर खुद को पवित्र रखकर इस व्रत का पालन करना चाहिए। आमतौर पर व्रत एक प्रकार की शक्ति है जिसके बल से रोगों को दूर कर सेहतमंद रहा जा सकता है। गणेश चतुर्थी का व्रत करने से रिद्धि-सिद्धि और समृद्धि हासिल की जा सकती है।


पूजन विधि
गणेश जी का पूजन सर्वदा पूर्वमुखी या उत्तरमुखी होकर करें। सफेद आक, लाल चंदन, चांदी या मूंगे की स्वयं के अंगूठे के आकार जितनी निर्मित प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति शुभ होती है। साधारण पूजा के लिए पूजन सामग्री में गंध, कुंकुम, जल, दीपक, पुष्प, माला, दूर्वा, अक्षत, सिंदूर, मोदक, पान लें। 

ब्रह्यवैवर्तपुराण के अनुसार गणेश जी को तुलसी पत्र निषिद्व है। सिंदूर का चोला चढ़ा कर चांदी का वर्क लगाएं और गणेश जी का आह्वान करें।

गजाननं भूतगणांदिसेवितं
कपित्थजम्बूफल चारुभक्षणम्।
उमासूतं शोकविनाशकारकं
नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्।


गणेश संकट स्तोत्र का पाठ कर आरती करें। 


कार्य सिद्धि हेतु
गजानन की नियमित विधि-विधान से पूजा करके लड्डूओं के साथ ऊँ मोदक प्रियाय नम: मंत्र के जप करने से मनोवांछित कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है।


रोगों से मुक्ति के लिए- गायत्री गणपति का अनुष्ठान करें।
बिजनेस या जॉब में धन-लाभ के लिए- लक्ष्मी गणपति यंत्र की स्थापना व पूजा करें।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए- लक्ष्मी गणपति की पूजा करें।
शीघ्र विवाह अथवा लव मैरिज के लिए- ऋद्धि-सिद्दी सहित गणेश पूजा करें।
संतान प्राप्ति हेतु- बाल गणपति की पूजा करें।
दुश्मनों को मात देने के लिए- ऋणमोचन गणपति का पाठ करें।
नवग्रह पीड़ा निवारण हेतु- नवरत्न गणपति की पूजा करें।  

Niyati Bhandari

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