गणेश चतुर्थी: इस विधि से करें बप्पा की स्थापना
Thursday, Aug 24, 2017 - 06:57 AM (IST)
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी गणेश जी के प्रादुर्भाव की तिथि संकट चतुर्थी कहलाती है परंतु महीने की हर चौथ पर भक्त गणपति की आराधना करते हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को श्री गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। गणपति जी का जन्म काल दोपहर माना गया है। आज के दिन सिद्धि विनायक व्रत रखा जाता है। इसे कलंक चौथ या पत्थर चौथ भी कहा जाता है।
गणेश स्थापना की विधि: प्रात:काल पूरे घर की साफ-सफाई कर लें दोपहर के समय स्नानादि से निवृत्त होने के बाद घर की उत्तर दिशा में लाल कपड़ा बिछाएं। कोरे कलश में जल भरकर तथा उसके मुंह पर कोरा कपड़ा बांधकर मिट्टी से बनी गणेश जी की मूर्ती स्थापित करें। गणेश जी की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाकर षोडशोपचार से पूजन करें।
सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलन करें।
जल चढ़ाकर आचमन करें।
पवित्रकरण - मूर्ति पर जल छिडकें।
फूलों का आसन चढ़ाएं।
स्वस्तिवाचन करें।
पूजा हेतु संकल्प लें।
गणपति जी का ध्यान करें।
गणेश जी का आवाहन करें।
चावल चढ़ाकर प्रतिष्ठापन करें।
दूर्वा से जल छिड़कर मूर्ति को स्नान करवाएं।
वस्त्र एवं उपवस्त्र चढ़ाएं।
सिन्दूर चढ़ाएं।
फूल चढ़ाएं।
दूर्वा चढ़ाएं।
सुगंधित धूप और दीप के दर्शन करवाएं।
लड्डुओं का भोग लगाएं।
दक्षिणा एवं श्री फल चढ़ाएं।
गणेश जी की आरती उतारें।
फूलों से पुष्पांजलि अर्पित करें।
भूलचूक के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
प्रणाम करके पूजा समर्पित करें।
श्रद्धा के अनुसार ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com