गणेशोत्सव के 10 दिन में बदल सकता है आपका भी जीवन, जानने हैं कैसे तो ज़रूर करें क्लिक

Saturday, Aug 22, 2020 - 02:39 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कोरोना वायरस के चलते इस बार देश में गणेशोत्सव की धूम देखने को नहीं मिलेगी। मगर इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं हैं कि इस उत्सव की महिमा किसी रूप से कम होगी। घरों में रही रहकर सही लेकिन लोग इस दौरान विघ्नहर्ता गणेश को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच हम आपको गणेश भगवान से जुडे खास बातें बताने वाले हैं। जिसके माध्यम से आप इनसे जुड़ी जानकारी जान पाएंगे। दरअसल हम आपको भगवान गणेश की आरती से संबंधित बातें। यकीनन आप जब विघ्नहर्ता गणपचि बप्पा की आराधना करते होंगे तो पूजन आदि समाप्त करने के बाद इनकी आरती का गुणगान ज़रूर करते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं इनकी आरती में छोटे-छोटे जीवन मंत्र समाहित है। कहा जाता है कि गणेश उत्सव के दौरान अगर भगवान गणेश की आरती में छिपे इन संदेशों को समझकर इस पर्व को मनाया जाए तो इससे बप्पा की कृपा तो प्राप्तो होती है साथ ही साथ समूचे मानवता का भला होता है। 

आज के दिन यानि गणेशोत्सव के सर्वप्रथम दिन सुपारी के रूप में गणेश जी की कल्पना कर उन्हें घर के मंदिर में विराजित करें। अगर मूर्ति रूप में रखना चाहें तो रख सकते हैं। फिर इसकी श्रद्धा भाव से पूजा कर जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा आरती का गुणगान करें।

इस बात का खास ध्यान रखें कि विशेष ध्यान रखें कि आप इस पूजा-अर्चना में अपने माता-पिता को साथ रखें। क्योंकि शास्त्रो में गणेश जी ने अपने माता-पिता को पूरा संसार माना था। उसी प्रकार मनुष्य को अपने माता-पिता को अपना भगवान मानते हुए गणेश भगवान की पूजा के साथ-साथ इनका भी आशीर्वाद ज़रूर लें। य

अंधन को आंख देत : 
अपनी क्षमता के अनुसार किसी अंध आश्रम में दान आदि करें, जितनी हो सके दिव्यांगों की भी सहायता करें। 

कोढ़ियन को काया : 
कोशिश करें इस दिन कुष्ठ आश्रमों में अपनी सहायता पहुंचाए और और भी लोगों को इस शुभ एवं उदार कार्य के लिए प्रेरित करें।

बांझन को पुत्र देत : 
संतानहीन महिलाएं चौथे दिन भगवान गणेश की पूजा करें, जिससे उन्हें मातृत्व का सुख प्राप्त हो सकें। 

निर्धन को माया : 
शास्त्रों में कहा गया है कि किसी निर्धन के लिए सबसे बड़ा धन शिक्षा है, जो उसे गरीबी के कुचक्र से बाहर निकाल सकता है। प्रण लें कि कम से कम एक निर्धन की शिक्षा का जिम्मा हम अपने कंधों पर लेंगे और अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस दिशा में काम ज़रूर करेंगे। साथ ही यह प्रतिज्ञा भी अवश्य लें कि कम से कम एक निर्धन व्यक्ति के रोजगार या व्यवसाय का सहारा बनें। 

विघ्न हरो देवा : 
संभव हो तो गणेश उत्सव के समस्त दिनों में से कम से कम 1 दिन जल संचयन के नाम समर्पित ज़रूर करें। क्योंकि जल ही जीवन है। संभव हो तो वृक्षारोपण जैसी मुहिम का भी हिस्सा बनें।

Jyoti

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