गणेश चतुर्थी 2019:  ये पत्तियां  बना सकती हैं आपको धनवान

Wednesday, Sep 04, 2019 - 06:19 PM (IST)

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वास्तु के शास्त्र हमारे जीवन में अधिक महत्व रखता है। मानव जीवन में ये हर तरह से प्रभाव डालता है। इसमें व्यक्ति के जीवन से संबंधित छोटी से छोटी से वस्तु से जुड़ी ऐसी बातें बताई गई हैं जो हमारे ऊपर हर तरफ़ से असर करती हैं। इन्हीं में से एक हैं हमें ऑक्सीजन प्रदान करने वाले पेड़ पौधे। आमतौर पर हम पेड़-पौधों को सिर्फ इसी नज़र से देखते हैं। मगर आपको बता दें इसके और भी कई फायदे हैं। गणेश उत्सव के इस खास मौके पर हम आपको बताएंगे कि गणेश जी को अर्पित तिए जाने वाले विभिन्न पत्ते जिससे आपको शुभ फल प्राप्त होगा।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप गणेश जी की कृपा तुरंत पाना चाहते हैं तो इस गणेश उत्सव में गणेश जी इन पेड़ की पत्तियों में से किसी भी एक पत्ती या सभी जरूर अर्पित करें। कहा जाता है कि गणेश इनसे बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इन विशेष 20 पेड़ की पत्तियों को निम्न मंत्रों का उच्चारण करते हुए श्रीगणेश जी को अर्पित करें। इनको अर्पित करने से पूर्व 108 बार।

1- सुमुखायनम: स्वाहा कहते हुए शमी पत्र अर्पित करें।
2- गणाधीशायनम: स्वाहा भंगरैया पत्र अर्पित करें।
3- उमापुत्राय नम: बिल्वपत्र।
4- गज मुखायनम: दूर्वादल अर्पित करें।
5- लम्बोदराय नम: बेर पत्र अर्पित करें।
6- हरसूनवे नम: धतूरा पत्र अर्पित करें।
7- शूर्पकर्णाय नम: तुलसी दलअर्पित करें।
8- वक्रतुण्डाय नम: सेम पत्र अर्पित करें।
9- गुहाग्रजाय नम: अपामार्ग पत्र अर्पित करें।
10- एक दंतायनम: भटकटैया पत्र अर्पित करें।
11- हेरम्बाय नम: सिंदूर वृक्ष पत्र अर्पित करें।
12- चतुर्होत्रे नम: तेजपात के पत्र अर्पित करें।
13- सर्वेश्वराय नम: अगस्त पत्र अर्पित करें।
14- विकराय नम: कनेर पत्र अर्पित करें।
15- इभतुण्डाय नम: अश्मात पत्र अर्पित करें।
16- विनायकाय नम: मदार पत्र अर्पित करें।
17- कपिलाय नम: अर्जुन पत्र अर्पित करें।
18- बटवे नम: देवदारु पत्र अर्पित करें।
19- भालचंद्राय नम: मरुआ अर्पित करें।
20- सुराग्रजाय नम: गांधारी पत्र अर्पित करें।
21- सिद्धि विनायकाय नम: केतकी पत्र से अर्पण करें।

श्री गणेश पुराण के खेल खण्ड में उल्लेख है आता है कि -हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार गौरी नंदन गणपति जी को इन 16 प्रमुख नामों से जाना और पूजा जाता है- सुमुख, एकदन्त, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचन्द्र, विघ्नराज, द्वैमातुर, गणाधिप, हेरम्ब एवं गजानन आदि।

Jyoti

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