Thursday को करें इन नियमों को फॉलो, बनेंगे वैभव और संपत्ति के मालिक

Wednesday, Jan 03, 2018 - 02:08 PM (IST)

जन्मकुंडली में बलहीन बृहस्पति के कारण कार्य में अक्सर बाधाएं आती हैं, जिन्हें विशेष पूजन व उपाय से दूर किया जा सकता है। जिन जातको के विवाह में बाधाएं आती हैं उन्हें गुरुवार का व्रत करके श्रीहरि के उपाय करने चाहिए। बृहस्पतिवार का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के गुरुवार से प्रारंभ कर नियमित सात व्रत करने से अनिष्ट दूर होते हैं। इस व्रत को 16 माह या तीन साल तक करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। बृहस्पतिदेव पीत वस्त्रधारी साधु-संतों का प्रतिनिधित्व करते हैं अतः पीला रंग धर्म का प्रतीक है। इसी कारण पीला रंग बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन पीले फूल, चना दाल, पीली मिठाई का उपयोग व दान शुभ होता है। शास्त्रनुसार बृहस्पतिदेव केले की जड़ में निवास करते हैं। अतः इस दिन केले के पेड़ का पूजन करना चाहिए। लक्ष्मी-नारायण को केले का भोग लगाने से उनकी कृपा बनी रहती है। इस दिन केले का दान अत्यंत लाभदायी होता है। सत्यनारायण पूजन में केले के पत्तों का प्रयोग घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त कर सुख-समृद्धि लाता है। बृहस्पतिवार को जानें क्या करें और क्या न करें। श्री हरि की कृपा से आप जल्दी बनेंगे वैभव और संपत्ति के मालिक।


इस दिन क्या करें
बृहस्पतिवार का व्रत करें।
पीली चीजों का दान व सेवन करें।
बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र पहनें।
भोजन में चने की दाल सम्मिलित करें।
ब्राह्मणों की सेवा कर आशीर्वाद प्राप्त करें।
केले के पेड़ का विधिवत पंचोपचार पूजन करें।
पीली आभा लिए गाय को चना दाल पर गुड़ रख कर खिलाएं। 


इस दिन क्या न करें
सिर पर तेल न लगाएं।
बाजार से नमक न खरीदें। 
रतिक्रीड़ा में संलिप्त न हों।
मदपान व मांसाहार से दूर रहें। 
शैम्पू या साबुन से सिर न धोएं। 
घर में कपड़े न धोएं न प्रेस करें। 
प्याज और लहसून का प्रयोग न करें। 
बृहस्पतिवार के दिन समुद्री नमक मिला भोजन न करें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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